भ्रम और तथ्य

भ्रम: बौडी लोशन केवल ड्राई स्किन वालों के लिए होते हैं.

तथ्य: उम्र और प्रदूषण का फर्क त्वचा पर भी पड़ता है जिससे त्वचा की नमी और पीएच बैलेंस बिगड़ जाता है. इसलिए ऐसे बौडी लोशन का चुनाव करें जो वर्ष भर आपकी त्वचा की सुरक्षा करे.

भ्रम: सारे मौइश्चराइजर एक जैसे होते हैं.

तथ्य: मौइश्चराइजर कई प्रकार के होते हैं जिन्हें आप अपनी त्वचा के अनुसार चुन सकती हैं. सही मिश्रण वाला मौइश्चराइजर वह होता है जिसमें ग्लिसरीन, डाईमैथिकन और जैली जैसे बहुमूल्य पदार्थों की सही मात्रा हो. ऐसे बौडी मौइश्चराइजर का चुनाव करें जो आपकी त्वचा को गहराई से मौइश्चराइज कर उसे डैमेज होने से बचाए.

भ्रम: बौडी लोशन की आवश्यकता केवल सर्दियों में ही पड़ती है.

तथ्य: सर्दी हो या गरमी, मौइश्चराइजर की जरूरत त्वचा को हर मौसम में पड़ती है. कई महिलाएं गरमी के मौसम में सिर्फ इस डर से मौइश्चराइजर का इस्तेमाल नहीं करतीं, क्योंकि उनकी यह मान्यता है कि मौइश्चराइजर लगाने से उन्हें अधिक पसीना आएगा और त्वचा चिपचिपी हो जाएगी. लेकिन यह गलत सोच है. वास्तव में कड़ी धूप आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है और उसे रूखी व बेजान बना देती है. आप ऐसे बौडी लोशन का चुनाव करें जो नौनस्टिकी होने के साथसाथ आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड और मुलायम रखे.

सिर्फ निखरा चेहरा काफी नहीं

आप मानें या न मानें लेकिन ज्यादातर भारतीय महिलाएं अपनी बौडी की स्किनकेयर की तरफ काफी लापरवाही बरतती हैं. यही कारण है कि हमारा सारा ध्यान चेहरे की खूबसूरती की तरफ होता और हम अपनी बौडी की उपेक्षा करने लगते हैं. चेहरे के साथ ही शरीर के बाकी हिस्सों की देखभाल ही महिलाओं को संपूर्ण खूबसूरती दे सकती है.

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