भारत में पहले फसल की कटाई मजदूरों द्वारा की जाती थी, लेकिन समय ने तरक्की की रफ्तार पकड़ी और फसल कटाई के लिए कंबाइन मशीन बाजार में आ गई. भारत के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि सूबों में कंबाइन मशीन से तैयार फसल के ऊपरी हिस्से को काटा जाता है, उस के बाद स्ट्रा रीपर द्वारा शेष बची फसल का भूसा बनाया जाता है, जिस से किसान की दोगुनी लागत व समय लगता है. कुछ किसान बचे अवशेषों को जला देते हैं. इसी काम को आसान किया है ‘ट्रैक्टर पावर्ड ग्रेन कम स्ट्रा कंबाइन’ मशीन ने. यह मशीन खेत में फसल काटने के साथसाथ भूसा भी बनाती है. इस मशीन के काम करने का तरीका अन्य कंबाइन मशीनों से अलग है. इस मशीन के साथ खास डिजाइन की बनी ट्राली लगाई जाती है, जो फसल के भूसे को खेत में ही इकट्ठा कर देती है. इस मशीन में थोड़ा बदलाव कर के इसे तमाम फसलों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस ट्रैक्टर पावर्ड ग्रेन कम स्ट्रा कंबाइन मशीन के साथ लगी ट्राली को आटोमैटिक तरीके से खाली किया जा सकता है, जिस से इस में लगने वाले समय, मेहनत और खर्च तीनों की बचत होती है. अभी यह मशीन भारत सरकार के टेस्टिंग सेंटर हिसार में जांचीपरखी जा रही है.
ट्रैक्टर पावर्ड ग्रेन कम स्ट्रा कंबाइन के फायदे
* पारंपरिक कंबाइन मशीन के मुकाबले डीजल की कम खपत होती है.
* कम मेहनत करनी पड़ती है.
* भूसा बनाने के लिए अलग से स्ट्रा रीपर की जरूरत नहीं होती.
* पारंपरिक कंबाइन मशीन के मुकाबले इस की कीमत भी कम है.