Writer- डा. अनंत कुमार
टमाटर अपने लाभदायक गुणों व तमाम उपयोगों के चलते सब से महत्त्वपूर्ण सब्जी वाली फसल है. यह एक बहुत अहम सुरक्षित खाद्य पदार्थ है. इस की खेती सभी जगहों पर की जा सकती है. संसार में आलू व शकरकंद के बाद टमाटर ही सब से ज्यादा पैदा की जाने वाली सब्जी है.
टमाटर का इस्तेमाल टमाटर सूप, सलाद, अचार, टोमैटो कैचप, प्यूरी व चटनी वगैरह बनाने में किया जाता है. इस के अलावा तकरीबन हर सब्जी के साथ टमाटर का भी इस्तेमाल किया जाता है.
टमाटर गरम मौसम की फसल है. इस की फसल उन इलाकों में ज्यादा अच्छी होती है, जहां पाला नहीं पड़ता है. लेकिन ज्यादा गरमी और सूखे मौसम में अधिक वाष्पीकरण होने के कारण टमाटर के कच्चे व छोटे फल तेजी से गिरने लगते हैं.
टमाटर की फसल में 38 डिगरी सैंटीग्रेड से ज्यादा तापमान होने पर फल नहीं बनते और पहले से मौजूद फलों का आकार भी बिगड़ जाता है. इसी तरह बहुत कम तापमान (0 से 12 डिगरी सैंटीगे्रड) पर भी फल नहीं बनते. टमाटर में लाइकोपिन नामक वर्णक की मात्रा 20-25 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान पर अधिक बनती है और 27 डिगरी सैंटीग्रेड पर इस वर्णक का उत्पादन तेजी से गिरने लगता है. तापमान
32 डिगरी सैंटीग्रेड के ऊपर पहुंचने पर लाइकोपिन बनना बंद हो जाता है.
तापमान व फसल में लगने वाले कीड़ों व बीमारियों को ध्यान में रखते हुए अगर टमाटर की खेती पौलीहाउस में की जाए तो कम और ज्यादा तापमान से भी फसल को बचाया जा सकता है. साथ ही, फसल को कीड़ों व बीमारियों से भी बचा कर ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है.