लेखक– डा. संजीव कुमार वर्मा, प्रधान वैज्ञानिक (पशु पोषण)

भा. कृ. अनु. प. – केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ

गाय के गर्भकाल के 8 महीने

छठे अंक में आप ने पढ़ा था : गाय जब पहली बार हीट में आती है, तो इंतजार करना चाहिए. इस के तीसरे महीने के बाद दोबारा हीट में आने के बाद किसी अच्छे सांड़ से गाभिन करवा देना है. इस में पहले से दूध के अनुपात में गाय को उस के महीनों के हिसाब से पोषण वाला चारा देना चाहिए. जब

8 महीने पूरे हो जाएं तब… 

अब आप की गाय के गर्भकाल के 8 महीने पूरे हो चुके हैं. 9वां महीना शुरू हो चुका है और यही समय है जब आप को अपनी गाय का दूध निकालना बंद कर देना है.

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इस समय तक गाय का दूध उस के उच्चतम उत्पादन का तकरीबन एकतिहाई रह गया है और अब आप को चाहिए कि उस का दूध निकालना बंद कर दिया जाए. दूध निकालना बंद करने की 2 अहम वजहें हैं :

पहली वजह तो यह कि इस समय गर्भ की बढ़वार तेजी से हो रही होती है तो उसे अधिक पोषण चाहिए. अगर गाय से दूध निकाला जाता रहा तो गर्भ की बढ़वार ठीक से नहीं होगी.

वहीं दूसरी वजह यह कि गाय को बच्चा देने से पहले अपने अयन की मरम्मत करने के लिए कम से कम 40 दिन का समय चाहिए, तभी अगले ब्यांत के लिए अयन और थन तैयार हो सकेंगे.

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कुछ माहिरों का कहना है कि इस समय गाय का दूध निकालना धीरेधीरे बंद करना चाहिए, मगर अनुसंधानों से यह पता चला है कि दूध निकालना एकदम से बंद कर देना चाहिए. अगर दूध निकालते रहेंगे तो थनों के प्रवेश द्वार पर किरेटिन प्रोटीन का जो प्लग बनना चाहिए, वह नहीं बनेगा और थनों से दूध आता ही रहेगा और अयन और थनों को आराम मिलेगा ही नहीं.

जैसे ही आप दूध का दुहान बंद करेंगे तो वहां एक खास तरह का प्रोटीन आ कर जम जाएगा और थन को बंद कर देगा. थनों के अंदर जो दूध है, वह पशु के शरीर द्वारा वापस सोख लिया जाएगा.

9वें महीने में खानपान

इस समय गाय को उतना ही पोषण देना है, जितना उस के गर्भ की बढ़वार के लिए और गाय की शरीर रक्षा के लिए जरूरी है. बहुत ज्यादा पोषण देने से यह समस्या आएगी कि दूध का उत्पादन होता रहेगा और गाय का दूध सुखाने में समस्या आएगी. इस समय भी वही

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3 स्थितियां हो सकती हैं :

* आप के पास हरा चारा बहुत कम है और जो हरा चारा उपलब्ध है, वह गैरदलहनी चारा है और आप के पास पर्याप्त भूसा और प्रचुर मात्रा में रातिब मिश्रण उपलब्ध है.

* आप के पास हरा चारा भी पर्याप्त मात्रा में है और भूसा भी और रातिब मिश्रण भी.

* आप के पास दलहनी और गैरदलहनी हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, भूसा भी है, मगर रातिब मिश्रण लिमिटेड है या बिलकुल नहीं है.

स्थिति 1 : इस स्थिति में 8 महीने गर्भ के पूरे कर चुकी गर्भवती गाय को 4 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा, 6.5 किलोग्राम भूसा और 3.25 किलोग्राम 16 फीसदी क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण देना होगा. चूंकि इस में रातिब मिश्रण की मात्रा अधिक है, इसलिए यह अधिक  महंगा साबित होगा और उत्पादन लागत बहुत अधिक होगी.

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इस स्थिति में गाय के भरणपोषण का खर्च व अन्य खर्चे मिला कर कुल खर्च 194 रुपए प्रतिदिन होगा.

16 फीसदी क्रूड प्रोटीन वाला 100 किलोग्राम रातिब मिश्रण बनाने के लिए मक्का 40 किलोग्राम, गेहूं का चोकर 40 किलोग्राम, सरसों की खली 17 किलोग्राम, अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर 2 किलोग्राम और साधारण नमक 1 किलोग्राम को भलीभांति मिलाने की जरूरत होगी.

स्थिति 2 : इस स्थिति में 8 महीने गर्भ के पूरे कर चुकी गर्भवती गाय को 2.5 किलोग्राम दलहनी चारा, 6.5 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा, 6 किलोग्राम भूसा और 2.25 किलोग्राम 16 फीसदी क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण प्रतिदिन देंगे.

इस स्थिति में गाय के भरणपोषण का खर्च व दूसरे खर्चों को मिला कर कुल खर्च 178 रुपए प्रतिदिन होगा.

स्थिति 3 : इस स्थिति में 8 महीने गर्भ के पूरे कर चुकी गर्भवती गाय को 6.5 किलोग्राम दलहनी हरा चारा, 6.5 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा, 6 किलोग्राम भूसा और 1.25 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण प्रतिदिन देने से भी सभी पोषण जरूरतें पूरी हो जाएंगी और यह सब से सस्ता भी होगा.

इस स्थिति में गाय के भरणपोषण का खर्च व दूसरे खर्चों को मिला कर कुल खर्च 165 रुपए प्रतिदिन होगा.

यही भरणपोषण तब तक जारी रखना है, जब तक कि आप की गाय बच्चा न दे दे. इस के बाद फिर वही चक्र चालू होगा, जो इस गाय का हुआ था. ब्याने के तुरंत बाद उस के दूध के उत्पादन के अनुसार भरणपोषण करते रहना होगा.

इस के अलावा यही वह समय है, जो तय करेगा कि आप की गाय अगले दुग्धकाल में कितना दूध देगी और उस को मैस्टाइटिस होगा या नहीं, क्योंकि मैस्टाइटिस ब्याने से पहले भी हो सकता है और ब्याने के तुरंत बाद में भी.

8 महीने आतेआते आप की गाय का दूध एकतिहाई रह जाएगा. अगर इस की मात्रा अभी 5 किलोग्राम तक भी है तो भी कोई बात नहीं, आप दूध का दुहान एकदम से बंद कर दीजिए.

एक बार दुहान बंद करने के बाद फिर दुहान नहीं करना है. दुहान बंद होते ही थनों में किरेटिन का प्लग बन जाएगा और जो दूध अंदर है, वह वापस सोख लिया जाएगा.

अब यह प्लग तभी होगा, जब गाय बच्चा दे चुकी होगी. अगर यह प्लग न बना या बच्चा देने से पहले हट गया तो गाय को मैस्टाइटिस होने के चांस बढ़ जाएंगे.

अगर दूध की मात्रा एकतिहाई नहीं पहुंची हो तो बताए गए पोषण प्लान को चालू करते ही दूध की मात्रा अपनेआप घट जाएगी और आप को दूध सुखाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

दूध की मात्रा कम करने के लिए पानी पिलाना कम कर देना उचित नहीं है. इस हालत में गाय को पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.

इस समय आप को एक काम और करना है कि दूध निकालना बंद करने के बाद गाय को किसी भी तरह का तनाव नहीं होना चाहिए, खासकर गरमी का तनाव. अगर मौसम गरम है तो आप को गाय को ठंडक देने की कोशिश करनी होगी. वह चाहे छाया कर के, पंखे या स्प्रिंकलर लगा कर करनी हो.

अगर इस समय गाय हीट स्ट्रैस में रही तो उस के अयन के टिशूज का विकास अच्छी तरह नहीं होगा और आने वाले दुग्धकाल में वह ज्यादा दूध नहीं दे सकेगी.

इस समय अगर आप की गाय दूसरी गायों के साथ ही रहती है तो आप को उसे दूसरी गायों की टक्कर से बचा कर रखना है. अगर झुंड में कोई भी पशु ऐसा है जो हमलावर है तो या तो उस पशु को अलग कर देना है या इस गर्भवती गाय को.

एक बार और इस समय गाय को अलग से कोई कैल्शियम या फास्फोरस नहीं देना है. जितना चारे और रातिब में मौजूद है, वही ठीक है. अगर इस समय ज्यादा कैल्शियम दिया तो बच्चा देने के बाद गाय को मिल्क फीवर होना ही होना है.

9 महीने का समय पूरा होने के बाद गाय कभी भी बच्चा दे सकती है.

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