वर्षा रानी, डा. आरएस सेंगर
देश में 400 से अधिक जिलों के भूजल में घातक रसायन मिलने से पीने के स्वच्छ व शुद्ध जल का गंभीर संकट धीरेधीरे पैदा होने लगा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों खासकर किसानों को जो अंधाधुंध फर्टिलाइजर का अपने खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर अंकुश लगाना होगा.
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि कई जिलों के भूजल में जहां पहले से ही फ्लोराइड और सैनिक आयरन व हैवी मैटल निर्धारित मानक से काफी अधिक था, वहीं ज्यादातर जिलों में नाइट्रेट और आयरन की मात्रा बढ़ रही है.
एक तरह से यह मानवजनित अतिक्रमण है. उन राज्यों के भूजल में नाइट्रेट ज्यादा बढ़ रहा है, जहां सघन खेती में फर्टिलाइजर का अंधाधुंध तरीके से इस्तेमाल हो रहा है. हैवी मैटल और अन्य घातक रसायनों के भूजल में होने से पेयजल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.
रिपोर्ट में देश के 18 राज्यों के 249 जिलों का भूजल खारा है, वहीं 23 राज्यों के 370 जिलों में सामान्य मानक से अधिक पाया गया है, इसलिए आज जरूरत इस बात की है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के ज्यादातर जिले नाइट्रेट की बढ़ती हुई भूजल में मात्रा से प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए सभी को कोशिश करनी चाहिए कि भूजल को सुरक्षित रखने के लिए कम से कम रसायनों का इस्तेमाल करें और जैविक खेती यानी प्राकृतिक खेती को कर के अपने भोजन को प्रदूषित होने से बचाएं, जिस से मानव जीवन आगामी वर्षों में सुरक्षित हो सके.