जनवरी के जोश से भरे महीने का सभी को पूरी शिद्दत से इंतजार रहता है. खेतीकिसानी के सूरमाओं यानी किसानों के लिए भी जनवरी की कशिश किसी से कम नहीं होती. वे भी पिछले साल की गई अपनी तमाम कारस्तानियों का जश्न मनाने के लिए बेताबी से जनवरी की बाट जोहते हैं. साल के पहले महीने यानी जनवरी में जाड़ा भी अपने शबाब पर होता है, मगर इस जाड़े से किसानों में सुस्ती नहीं आती. यह सर्दी तो किसानों में चुस्तीफुर्ती का संचार करने वाली होती?है. वे कई गुना ज्यादा जोश से अपने खेतों में जुट जाते हैं. जनवरी में रबी की ज्यादातर फसलें पनप कर बढ़ चुकी होती हैं. मोटे तौर पर उन का आधा सफर निबट चुका होता है, लिहाजा उन की खास देखभाल जरूरी हो जाती है. रबी की कीमती फसलों के साथसाथ सर्दी के फलसब्जी वगैरह की देखभाल भी जनवरी में जरूरी होती है.

पेश है एक सरसरी ब्योरा जनवरी के दौरान किए जाने वाले खेती संबंधी जरूरी कामों का, जिन्हें करने में बिल्कुल लापरवाही नहीं की जानी चाहिए:

* ठंडे मौसम में गेहूं के खेतों पर सब से?ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. गेहूं की सिंचाई के मामले में सचेत रहना बहुत जरूरी है. मोटे तौर पर 20 दिनों के अंतराल पर खेतों की लगातार सिंचाई करते रहना चाहिए.

* गेहूं के खेतों की सिंचाई का खयाल रखने के साथसाथ खरपतवारों के प्रति भी चौकन्ना रहना जरूरी?है और उन्हें समयसमय पर निकालते रहना चाहिए. खरपतवारों के साथसाथ दूसरी फसलों के पौधों को भी गेहूं के खेतों से उखाड़ देना चाहिए. चौड़े पत्ते वाले खरपतवार अगर ज्यादा बढ़ जाएं, तो उन के सफाए के लिए 2-4 डी सोडियम साल्ट दवा का इस्तेमाल करें.

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