शैलेंद्र सिंह, एसके तोमर, एसके सिंह, एसपी सिंह, प्रेमशंकर, कंचन

कृषि विज्ञान केंद्र, बेलीपार, गोरखपुर

इस समय आम की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख कीट जैसे भुनगा, गुजिया व पुष्पगुच्छ (गाल मिज) कीट हैं. आम के भुनगा कीट व गुजिया कीट के शिशु और प्रौढ़ दोनों पत्तियों व फूलों का रस चूसते हैं, जिस के प्रभाव से फूल सूख कर गिर जाते हैं. ये कीट एक प्रकार का मीठा रस (लसलसा द्रव) छोड़ते हैं, जो पेड़ों, पत्तियों, प्ररोहों, फूलों आदि पर लग जाता है. इस मीठे द्रव्य के ऊपर काली फफूंद (सूटीमोल्ड) उगती है, जो पत्तियों पर काली परत जमा कर प्रकाश संश्लेषण पर बुरा असर डालती है. गालमिज कीट से प्रभावित बौर टेढ़े हो जाते हैं व काले धब्बे दिखाई पड़ते हैं. इस का प्रकोप छोटेछोटे फलों पर भी होता है.

इस की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की 10 मिलीलिटर मात्रा प्रति 15 लिटर पानी की दर से 2 छिड़काव, एक फूल आने से पहले और दूसरा फल के मटर के दाने के बराबर होने पर करना चाहिए. तीसरा छिड़काव जरूरत के मुताबिक करें. कार्बोसल्फान 25 फीसदी ईसी की 1 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी अथवा लैम्ब्डासाईंहैलोथ्रिन 5 फीसदी ईसी 1 मिलीलिटर प्रति डेढ़ लिटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए.

इस समय गुजिया कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. यह सफेद रंग का कीट है, जिस की मादा कीट भूमि में अंडे देती है. इस के बच्चे पेड़ पर चढ़ कर हानि पहुंचाते हैं. इस कीट के शिशु और प्रौढ़ कोमल शाखाओं, टहनियों और फूलों के डंठलों से रस चूसते हैं. इस के अधिक प्रकोप से फल गिर जाते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...