बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा होता है, उस से कई गुना ज्यादा उस में गुण भी होते हैं. बाजरे की रोटी खाने वालों को हड्डियों के रोग नहीं होते. खून की कमी से होने वाला रोग एनिमिया भी नहीं होता. साथ ही लिवर से जुड़े रोगों से भी छुटकारा मिलता है. गेहूंचावल के मुकाबले बाजरा कई गुना ज्यादा ताकत देता?है. मोटापा, मधुमेह व दिल के रोगियों के लिए भी यह अच्छा होता?है. आज कोई भी कामधंधा शुरू करने के लिए किसी खास ट्रेनिंग और जमापूंजी के साथसाथ जगह की भी जरूरत होती है. सब कुछ होने के बाद भी जरूरी नहीं कि कामयाबी मिल ही जाए. लेकिन बाजरे से बनाई गई खाद्य सामग्री का रोजगार बहुत ही कम समय में आसान सी ट्रेनिंग ले कर शुरू किया जा सकता?है. इस के लिए किसी खास पढ़ाईलिखाई की जरूरत भी नहीं होती?है. बाजरा अपनेआप में सस्ता और पौष्टिक अनाज है, जिस से आप कम लागत में अनेक अच्छे उत्पाद बना सकते हैं.

चौधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के होमसाइंस कालेज द्वारा बाजरे से अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है, जो केवल 1 से 2 दिनों की ही होती है. इस ट्रेनिंग में बाजरे से बने लड्डू, ढोकला, बिसकुट, सेव (नमकीन), केक, इडली जैसी चीजें बनानी सिखाई जाती?हैं, जो स्वादिष्ठ और पौष्टिक होने के साथसाथ बनाने में आसान और कम खर्चीली भी हैं.

बीते दिनों हिसार कृषि विज्ञान मेले में भी उन्होंने अपना स्टाल लगाया, जहां इस केंद्र की बनाई हुई खाद्य सामग्री को प्रदर्शित किया गया. जिस सामग्री को चख कर किसानों ने लुत्फ भी उठाया.

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