कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

‘‘एक रोज किसी बात पर मां ने उसे कुछ कह दिया, तो वह उन्हें भी भलाबुरा बोल कर उन की बेइज्जती करने लगी जो रीनल को सहन नहीं हुआ. अब कोई भी बेटी अपनी मां की बेइज्जती कितना सहन कर सकती थी? सो, वह भी तूतड़ाक पर उतर आई. फिर क्या था, उस ने एक जोर का थप्पड़ रीनल के गाल पर जड़ दिया और बोली कि वे सब उस के पैसों पर पलते हैं, इसलिए उन की कोई औकात नहीं है उस के सामने अपना मुंह खोलने की.

‘‘दौलत तो बहुत आई घर में, पर सुखशांति चली गई घर की.

‘‘लेकिन बात तब हद के बाहर जाने लगी जब एक रोज मां ने उसे बताया कि संजना नए लड़कों को घर ले कर आती है और रीनल से उन की आवभगत करने को कहती है. फिर आगे की बात वे बोल नहीं पाईं. उस वक्त मैं ने उस बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. सोचा, संजना के दोस्त होंगे, तो इस में क्या है? वैसे, मेरे एक दोस्त ने भी बताया था मुझे कि उस ने संजना को किसी के साथ प्राइड होटल के अंदर जाते देखा था और पहले भी उस ने उसे एक और के साथ सिनेमाहौल में देखा था.

‘‘तब भी मैं ने बात को गंभीरता से नहीं लिया था. लगा था पैसे वाले घराने में शादी हुई है उस की, तो सब उस से जलते हैं, लेकिन जब मैं ने खुद अपनी ही आंखों से उस रोज अपने ही बैडरूम में संजना के साथ एक शख्स को अजीब अवस्था में देखा, तो सन्न रह गया. गुस्से के मारे मेरा रक्त गरम हो गया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...