ई-मैगज़ीन
ऑडियो स्टोरी
लॉग इन
Subscribe
कहानी
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
बौलीवुड
हेल्थ टिप्स
क्राइम
आपकी समस्याएं
फार्मिंग
Subscribe
लॉग इन
कहानी
बौलीवुड
क्राइम
समाज
आपकी समस्याएं
हेल्थ टिप्स
लाइफ स्टाइल
ऑडियो स्टोरी
राजनीति
फार्मिंग
ई-मैगज़ीन
संपादकीय
निर्णय
पूर्वा को ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे किसी दलदल में धंसती जा रही है जहां से निकलना कठिन है. वह इसी उलझन में थी. तभी उसे ऐसा अनुभव हुआ कि शशांक ने उस की हथेलियों को पकड़ लिया है.
भाग - 1
दिल्ली में नौकरी लगने के बाद अपने मातापिता के दबाव में पूर्वा ताऊजी के घर रहने पर राजी हो गई थी, मगर वहां कुछ दिन गुजारने पर ही उसे ताऊजी के व्यवहार में बदलाव महसूस होने लगा और फिर एक दिन.
भाग - 2
ताऊजी को शायद उस की शक्ल से ही चिढ़ होने लगी थी. रोज सुबह ही शुरू हो जाते. किसी न किसी बात पर बड़बड़ कर उस का मूड खराब कर देते.
भाग - 3
जब शशांक से फोन मिला कर पूछा गया कि शादी करोगे वह खुशी से उछल पड़ा उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें.
×
सबस्क्राइब करें
डिजिटल
+ प्रिंट
एडिशन
अपना फ़ोन नम्बर/ईमेल आईडी या दोनों भरें.
Already Registered?
LOGIN HERE.
×
लॉग इन करें
डिजिटल एडिशन
Resend OTP
Don't have an account?
GET REGISTER.
अनलिमिटेड कहानियां आर्टिकल पढ़ने के लिए आज ही सब्सक्राइब करें
Subscribe Now
होम
रोमांस
फैमिली ड्रामा
क्राइम
ऑडियो स्टोरी