Non Resident Indian : भारत के गरीब पैसा कमाने के लिए कानूनी व गैरकानूनी तरीकों से भारी संख्या में विदेश जा रहे हैं, यह भयावह है. अभी अक्तूबर के अंत में बिना डौक्यूमैंट वाले भारतीयों को अमेरिका ने एक बड़े जहाज में भर कर वापस भारत भेजा है. इन भारतीयों के परिवारों ने अपनी बची हुई जमीनजायदाद को बेच कर अपने युवाओं को दुनिया में कहीं बसने के लिए भेजा था कि भारत में बढ़ती बेरोजगारी, भुखमरी से बचने का उपाय भारत में नहीं है, सो भारत छोड़ कर जाना ही होगा.

 

लेकिन, अब बड़ी तेजी से अमीर लोग भी भारत छोड़ कर विदेशों में बस रहे हैं. उन का कारण दूसरा है. वे भारत की गंदगी, भ्रष्टाचार, बढ़ते प्रदूषण, गंदी हवा, जहरीले पानी, ट्रैफिक की अफरातफरी से परेशान हैं. बहुत से देश 50-60 लाख से 5-7 करोड़ रुपए की खरीद पर अपनी नागरिकता दे देते हैं. भारतीय छोटेबड़े सभी देशों को अपना रहे हैं. वे एक पैर भारत में रखते हैं, एक विदेश में.

 

मजेदार मगर दर्दनाक बात यह है कि ये दोनों वर्ग हिंदूहिंदू (Hindu Hindu) ज्यादा चिल्लाते हैं, ‘महान’ भारत के गुणगान करते हैं, भारत के पुरातन ?ाठे महान होने का गुणगान करते थकते नहीं हैं. ये दोगले अपने साथ सूटकेस में भारतीयता की निशानी, हिंदू अंधविश्वासों की अब चमकदार एल्युमिनियम की स्ट्रिपों में मिलने वाली दवाओं के साथ ले जाते हैं और सुबहशाम उन्हें खाना नहीं भूलते.

 

वे यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि देश की गरीबी, प्रदूषण, भ्रष्टाचार और गलत राजकाज के कारण हमारे अंधविश्वास, धार्मिक विचार और झूठे अहं हैं. भारत में न टैलेंट की कमी है, न कर्मठ लोगों की. यहां की जमीन खासी उपजाऊ है. यहां आसानी से उद्योग लग जाते हैं, व्यापार जम जाते हैं. यहां की सरकारें उन्हीं उद्योगों, कृषि और सेवाओं से ही तो भारीभरकम पैसा बनाती हैं. दुनिया की तीसरीचौथी सब से बड़ी अर्थव्यवस्था हम यों ही नहीं हैं. हमारे यहां उत्पादन हो रहा है पर उस का प्रबंध बेहद खराब है, बंटवारा बेहूदा है. नेता, धन्ना सेठ और सरकारी कर्मचारी उसे पूरी तरह नष्ट कर रहे हैं.

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