लड़कियों को परेशान करने और छेड़ने वालों की पकड़धकड़ करने के लिए उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने हर थाने में रोमियो स्क्वैड बनाया है, जो किसी भी गुट को पकड़ सकता है. इन को स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं का समर्थन भी है और ये पुलिस स्क्वैड के साथ डंडे लिए घूमते रहते हैं. लड़कियों को इस से चाहे कुछ दिन राहत की सांस मिल जाए पर अपराधों पर नियंत्रण करने के नाम पर अपनी पार्टी के लोगों को ठेके दे देना लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है.
इन स्क्वैडों ने हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों की तरह तुरंत न्याय करने और सजा देने का तरीका अपनाया है. कहीं 4 लड़के या जोड़े हाथ में हाथ डाले चलते नजर आए नहीं कि ये उन पर लाठियों से पिल पड़ते हैं. पुलिस वाले महज तमाशाई बने रहते हैं पर भगवा दुपट्टे वाले बिना वकील, बिना दलील के कानून और अदालतों के बिना न्याय प्रसाद के रूप में बांट कर वही आतंक का राज स्थापित करने में लग गए हैं, जो सदियों तक इस देश में राजघरानों या जमींदारों का होता था.
परिवारों को पहलेपहल चाहे राहत महसूस हो पर जल्द ही पता चलेगा कि भाईबहनों का भी घर से इकट्ठे निकलना खतरे से खाली नहीं रहेगा. कहने को अकेली युवतियां सुरक्षित होंगी पर रातबेरात यदि वे काम से लौट रही हों और ये रोमियो स्क्वैड उन पर वेश्यावृत्ति का आरोप लगा कर पिटाई कर दें, तो तब कोई सुनने वाला भी नहीं रहेगा.
पहले जो छेड़खानी होती थी उस में पुलिस बल उदासीन रहता था, पर अब पुलिस सक्रिय रहेगी पर सभ्यता और कानून की बातें करने वालों के मुंह बंद करने के लिए और स्क्वैडों व उन के सहायकों को संरक्षण देने के लिए. राजनीतिक दलों को छोडि़ए, वे तो फिर राख से उभर आएंगे पर जानबूझ कर या गलतफहमी के शिकार हुए परिवारों पर जो जख्म लगेंगे वे किसी मरहम से ठीक न होंगे. कानून व व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है पर बेगुनाहों को रोकनाटोकना और संस्कारों व संस्कृति की आड़ में तानाशाही को थोपना देश को महंगा पड़ेगा. हर घरपरिवार सड़कछाप छेड़ने वालों से परेशान है पर इसे रोकने के लिए प्राकृतिक प्रेम भावना को ही समाप्त कर देना घातक है, समाज के लिए भी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित शासनपद्धति पर भी.