नरेंद्र मोदी सरकार अच्छे दिनों को तो नहीं ला पाई, पर अब कांग्रेस के बुरे दिन लाने के लिए उस ने कमर कस ली है. इटली की एक अदालत में अगस्ता हैलीकौप्टरों की बिक्री पर दी गई रिश्वत पर कुछ को सजा मिलने पर भारतीय जनता पार्टी की बांछें खिल गई हैं. हर फं्रट पर पिटने पर उसे बड़ी विरोधी पार्टी को पछाड़ने के कुछ उपाय मिले हैं और पूरी भाजपा फौज अब इस मोरचे पर तैनात कर दी गई है. कांग्रेस को फिक्र है. किसी हथियार खरीद में नेताओं का हाथ न हो यह हो नहीं सकता. जब भाजपा सरकार चली जाएगी, तो भाजपा नेताओं की पोल भी खुलेगी. दुनियाभर में लड़ाइयां केवल रिश्वतों के इसी भंडार में हिस्सा पाने के लिए लड़ी जा रही हैं. देश की रक्षा के नाम पर हर देश में सैनिकों के खर्चों पर पूछताछ न के बराबर होती है और इसलिए उसे मोटी रिश्वत का सब से आसान तरीका माना जाता है. इस में खतरा तो आपसी है, क्योंकि बेचने वाले व बिचौलिए जानलेवा हथियार बनाते हैं और खरीदार अफसरों व नेताओं के न करने पर उन्हें जान से मार भी सकते हैं.

कांग्रेस ने इटली से खरीदे इन हैलीकौप्टरों में कुछ पैसा लिया था, यह साबित कभी न हो पाएगा. अभी भी सरकार के पास केवल वे ही दस्तावेज हैं, जो इटली की अदालत में पेश किए गए. उस में कांग्रेस कहां है, यह पता नहीं चलता. भाजपा बिना निशाने वाली गोलीबारी कर रही है कि शायद कहीं कोई सही निशाने पर लग जाए. सरकारी खरीद में बेईमानी खत्म हो गई होती तो आम आदमी कांग्रेस को दोषी मान लेता, पर असल बात तो यह है कि नरेंद्र मोदी के लाख वादों के बावजूद सरकारी रवैया वैसा का वैसा ही है. जब देश में रोजमर्रा की खरीदी में करप्शन बंद न हुई हो, तो यह कैसे उम्मीद की जा सकती है कि करोड़ोंअरबों की एकदम गुप्त खरीद पर रिश्वतें नहीं ली जाएंगी. अगर ऐसा होता तो देश के बाहर सैनिक सामान बेचने वालों की लाइन लगी होती और विदेशी सैनिक हथियार आधे दामों में मिल रहे होते. अखबारी खबरों से ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा.

अगर अगस्ता हैलीकौप्टरों की खरीद में नरेंद्र मोदी सोनिया गांधी व राहुल गांधी को असल में सजा दिलवा पाएं, जैसे 1975 में इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जगमोहन सिन्हा ने चुनावी भ्रष्टाचार पर दी थी, तो ही सरकार में रिश्वत के बारे में सही डर बिठाया जा सकेगा. पर अरविंद केजरीवाल तो कहते हैं कि ऐसा कुछ न होगा. ये दोनों तो फिक्स खेल खेल रहे हैं. सरकार है तो रिश्वत है. रिश्वत है इसीलिए सरकार है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...