सस्ती या मुफ्त बिजली, पानी, पढ़ाई, खाने को लेकर प्रधानमंत्री ने रेवड़ी बाटों कल्चर कह कर बदनाम करना शुरू किया है. यह सस्ती चीजें देश के गरीबों को मिलती हैं जिन को समाज आज भी इतना कमाने का मौका नहीं दे रहा है कि वे अपने लिए ङ्क्षजदगी जीने के लिए इन पहली चीजों का इंतजाम कर सके.
भारतीय जनता पार्टी ने चूंकि सरकारों का खजाना खाली कर दिया है और वह बेहताशा पैसा अमीरों के लिए खर्च कर रही है, चुनावों में यह सस्ती चीजें देने की बात से उसे चिढ़ होने लगी है. भारतीय जनता पार्टी की कल्चर तो यह है कि सस्ता सिर्फ मंदिरों को मिले जो न बिजली का बिल देते हैं. चाहे जितनी बिजली खर्च करे, न पानी का बिल देते हैं चाहे कितना बहाएं, न नगर निगम का टैक्स देते हैं चाहे जितना बनाएं.
भारतीय जनता पार्टी के लिए सस्ती चीजें पाने वाले असल में पापी हैं जिन्होंने पिछले जन्मों में पुण्य नहीं किए, दान नहीं दिया और अब उस की सजा भुगत रहे हैं. हमारे धर्मग्रंथ इन किस्सों से भरे है और प्रधानमंत्री व अन्य भाजपा नेताओं के मुंह से ये बातें निकलती फिसलती रहती है.
गरीब जनता को सस्ती बिजली. पानी व खाना असल में अमीरों के फायदे के लिए होता है. जैसे ही एक गरीब घर को सस्ती बिजली व घर में मुफ्त पानी मिलने लगता है, उस की सेहत सुधर जाती है, उस के काम के घंटे बढ़ जाते है और वह कम तंख्वाह पर काम करने को तैयार होने लगता है.
दुनिया के कई देशों ने सस्ते घर भी अपने गरीब और मध्यम वर्गों को दिए और वहां वेतन काफी कम हो गए और लोग ज्यादा मेहनत करने लगे क्योंकि उन्हें छत के लिए दरदर नहीं भटकना पड़ता.