मध्य प्रदेश के इंदौर के थाना चंदननगर के रहने वाले 21 साल के सलमान शेख के अचानक लापता हो जाने से उस के घर वाले काफी परेशान थे. वह फैब्रिकेशन का काम करता था. घर से काम के लिए निकला सलमान घर नहीं लौटा तो 9 जनवरी, 2017 को उस के बड़े भाई तौकीर शेख ने थाना चंदननगर में उस की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी. गुमशुदगी दर्ज कराते समय उस ने अपने घर के सामने रहने वाले रऊफ खान और उस के ड्राइवर सद्दाम पर भाई के गायब करने का शक जाहिर किया था.

रऊफ खान बड़ीबड़ी बिल्डिंगों की मरम्मत एवं रंगाईपोताई का ठेका लेता था. उस के यहां पचासों मजदूर काम करते थे. सलमान भी पहले उस के यहां नौकरी करता था. लेकिन साल भर पहले उस ने सलमान को अपने यहां से नौकरी से निकाल दिया था.

रऊफ खान संपन्न आदमी था. वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका था. उस की पहुंच भी ऊंची थी, इसलिए बिना किसी ठोस सबूत के पुलिस उस पर हाथ डालने से कतरा रही थी.

पुलिस ने लापता सलमान शेख के नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई तो उस में चौंकाने वाली जानकारी यह मिली कि सलमान की सब से ज्यादा और लंबीलंबी बातें रऊफ की पत्नी शबनम से हुई थीं. रऊफ के नौकरी से निकाल देने के बाद भी उस की शबनम से बातें होती रही थीं. इन बातों से थाना चंदननगर पुलिस को लगा कि शायद इसी वजह से सलमान के घर वाले रऊफ खान पर शक जाहिर कर रहे थे.

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