1 दिसंबर, 2017 की रात को एक युवक बदहवास हालत में दिल्ली के करावलनगर थाने पहुंचा. उसके हाथों से खून टपक रहा था. उस ने ड्यूटी अफसर के सामने पहुंच कर कहा, ‘‘साहब, मुझे गिरफ्तार कर लो, मैं ने अपनी बीवी का कत्ल कर दिया है.’’
युवक की बातें सुन कर ड्यूटी पर तैनात एएसआई सतीश पाल चौंके. उन्होंने हैरत से उस की ओर ध्यान से देखते हुए पूछा, ‘‘लाश कहां है?’’
‘‘मेरे घर में.’’
युवक ने अपना नाम हीरालाल और पता शिव विहार, गली नंबर-6, मकान नंबर 846 बताया. साथ ही यह भी बताया कि उस ने पत्नी को मारने के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया और थाने आ गया.
हीरालाल की बात सुन कर एएसआई सतीश पाल ने थाने के डीडी नंबर 20ए में सूचना दर्ज कर दी. पुलिस ने पहले हीरालाल के घायल हाथ की मरहमपट्टी कराई. फिर थाने में मौजूद सबइंसपेक्टर इंद्रवीर कांस्टेबल अनुज को साथ ले कर घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. हीरालाल उन के साथ था.
सबइंसपेक्टर इंद्रवीर शिवविहार स्थित हीरालाल के घर पहुंचे. वहां बैडरूम में डबलबैड पर एक औरत की लाश पड़ी थी. लाश के पास 3 बच्चे गुमशुम बैठे थे. बच्चों को वहां से उठा कर दूसरी जगह बिठा दिया गया. इस के बाद एसआई इंद्रवीर ने लाश का मुआयना शुरू किया. मृतका के चेहरे और कंधों पर ताजा खरोंचों के निशान थे. लाश को देखने के बाद उन्होंने थानाप्रभारी रविकांत के मोबाइल पर फोन कर के हत्या की सूचना दे दी.
थोड़ी देर में थानाप्रभारी रविकांत, अतिरिक्त थानाप्रभारी नरेंद्र कुमार और पुलिस टीम के साथ वहां पहुंच गए. लाश का बारीकी से मुआयना करने पर उन्होंने देखा कि मृतका के गले पर गहरे रंग के निशान थे. कमरे की हालत देख कर ऐसा लग रहा था जैसे मारने के पहले मृतक के साथ बड़ी बेदर्दी से मारपीट की गई हो.