पटना शहर से बाहर निकलते ही दिल्ली के मार्बल कारोबारी कपिलदेव शर्मा और सुरेशचंद्र शर्मा को लगा था कि कुछ गड़बड़ जरूर है. लेकिन वे न कुछ कह पाए और न कुछ कर पाए. करीब एक घंटे के सफर के बाद उन के हाथपैर बांध दिए गए और उन के मोबाइल फोन, लैपटौप, घड़ी, सोने की चेन, पर्स, जूते, बैग और एटीएम कार्ड छीन लिए गए. रास्ते में ही एटीएम का पिन पूछ कर उन के खातों से ढाई लाख रुपए निकाल लिए गए. इतना सब होने के बाद अब कोई संदेह नहीं रह गया था कि दोनों भाई अपराधियों के चंगुल में फंस चुके थे. रास्ते में एक ढाबे पर गाड़ी रोक कर सभी ने चाय पी. इस के बाद लखीसराय में गाड़ी को हाइवे से दाईं ओर मोड़ कर कच्चे रास्ते पर ले लिया गया.

कुछ दूर जा कर गाड़ी रुकी तो वहां जंगल था. वहां पहले से ही 8-10 लोग खड़े थे. जैसे ही कपिल और सुरेश को गाड़ी से उतारा गया, वहां खड़े लोगों ने उन की पिटाई शुरू कर दी. ऐसा शायद दोनों भाइयों को डराने के लिए किया गया था. अब तक वे समझ चुके थे कि उन का अपहरण हो चुका है. पिटाई के बाद उन के कपड़े उतरवा दिए गए और उन के हाथों को बांध कर आंखों पर भी पट्टी बांध दी गई. इस के बाद उन्हें कुछ दूर पैदल ले जा कर एक कमरे में बंद कर दिया गया. कमरे में उन्हें नींद का इंजेक्शन दे दिया गया, जिस से वे सो गए. उस रात उन्हें खाना भी नहीं दिया गया.

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