इंसान द्वेअंधविश्वास के  फेरे में फंसकर किस तरह अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेता है उसका ज्वलंत दृश्य इन दिनों छत्तीसगढ़ में देखा गया. जहां एक महिला ने अपने हाथों से एक मासूम की जिंदगी ले ली और अपनी जिंदगी  भी तबाह कर ली. उसने एक मासूम की हत्या कर बाकी जिंदगी जेल की सींखचों  में गुजारने का इंतजाम कर लिया.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 21 अप्रैल 2020 को कोरोना  लॉक डाउन के समय अपने देवर देवरानी की नन्ही बच्ची को पानी की टंकी में डाल हत्या करने का अपराध किया और अंततः पुलिस के हाथ चढ़ गई. पुलिस के अनुसार  माना टेमरी में हुये 1 साल की  बच्ची की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी बड़ी मां ने ही की थी. यह संपूर्ण कहानी है ऐसी महिला की जो अंधविश्वास और झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर एक जघन्य अपराध कर बैठती है.उसकी चाहत थी एक बच्चे की और जब लंबा समय बीत जाने के बाद भी उसे औलाद नहीं हुई तो द्वेष जलन और अशिक्षा अंधविश्वास में पड़कर उसने एक बड़ा कदम उठाया जो  उसे अपराध के अंधेरे की ओर धकेलता चला गया.

 औलाद की चाहत में द्वेष

अक्सर हम किस्से कहानियों में पढ़ते हैं  किस तरह  छोटी-छोटी बातों पर  महिलाएं  जलन और द्वेष  की आग में जलती रहती है और अपनी जिंदगी परिवार  को तबाह कर देती है. इसका सीधा वास्ता है अशिक्षा  और अंधविश्वास से. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आरोपी महिला राजेश्वरी साहू ने खुद की संतान नहीं होने के द्वेष में  हत्या जैसी घटना को अंजाम दिया. इस पूरे मामले का खुलासा सिविल लाईन  में एडिशनल एसपी ग्रामीण तारकेशवर पटेल और सीएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने किया और बताया कि किस तरह महिला ने नन्हे मासूम बच्चे को पानी की टंकी में डालकर उसकी हत्या कर दी.

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घटना 21 अप्रैल के माना के टेमरी  गांव  की है.माना पुलिस को सूचना मिली थी कि टेमरी के एक घर के पानी टंकी में एक साल की बच्ची की लाश मिली हैै. शिकायत के बाद मौके पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और इस मामले को हत्या से जोड़कर जांच शुरू की गयी. परिवार वालों ने इस हत्या के पीछे बच्ची की बड़ी मां पर संदेह जताया . इसके बाद पुलिस ने राजेश्वरी से पूछताछ प्रारंभ  की. जैसा कि होता है पहले तो उसने  पुलिस को गोलमोल जवाब देकर गुमराह करना चाहा मगर  जब कड़ाई से पूछताछ की गयी तो जल्द ही हत्या करने की बात कबूल कर पुलिस के समक्ष सब कुछ सच-सच बता दिया. महिला राजेश्वरी साहू ने पुलिस को जो सच बताया वह सोचने पर मजबूर करता है फिर ऐसे अपराध ना हो इसके  लिए जागरूक भी करता है.

मृतक बच्ची की मां नीलम साहू के  अनुसार  सुबह अपनी एक वर्षीय पुत्री गीतांजली  को दूध पिलाकर र सुलाया था. कुछ समय पश्चात बालिका के कमरे से गायब हो  जाने से घर के सभी परिजन खोजबीन कर रहे थे, खोजबीन के दौरान घर के छत में प्लास्टिक की पानी टंकी जिसका ढक्कन बंद था एवं उसके उपर एक लकडी का बडा गुटका रखा हुआ था खोलकर देखने पर मृतका गीतांजली  को पानी टंकी अंदर पाये जाने से जीवित होने की उम्मीद पर परिजन इलाज हेतु मेकाहारा अस्पताल लेकर गये. जहां डाक्टर द्वारा बच्ची को मृत होना बताया गया.दिनांक घटना को आरोपी  नहाने का बहाना कर बाथरूम चली गई फिर  मृतका की मां नीलम साहू भी  जब  पुत्री को कमरे में सुला कर दूसरे बाथरूम में नहाने हेतु  गयी इसी समय   आरोपी राजेश्वरी साहू ने  दूधमुही गीतांजली  को उठाकर घर के उपर छत में ले गयी तथा सोते हुये स्थिति में जीवित ही उसे पानी टंकी में डालकर ढ़क्कन बंद कर दिया.

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पुलिस के समक्ष  हत्या की स्वीकारोक्ति करते हुए  बालिका  की हत्यारी कथित बड़ी मां ने पुलिस को बताया कि उसकी एक भी संतान नहीं थी, इसे लेकर वो कई बार झाड़ फूंक और डाॅक्टरी इलाज भी करा चुकी थी. तीन साल होने के बाद भी बच्चे नहीं होने से वो काफी परेशान थी और इसी के चलते  उसके मन में बच्ची के प्रति जलन और द्वेष की भावना पैदा हुई. आरोपी महिला के खिलाफ भादवि की धारा 302 के अधीन  हत्या का मामला दर्ज कर  उसे जेल भेज दिया गया है.

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