बहुत से अनुभवों और उदाहरणो के बाद ही यह कहावत प्रचलित हुई होगी कि ‘झगड़े की जड़ तीन, जर जोरू और जमीन’… जिसके दाम हर जगह आसमान छू रहे हैं. मध्य प्रदेश के होशंगबाद जिले की तहसील सोहागपुर मे तो जमीनों के भाव उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़े हैं, क्योंकि यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी के नजदीक है, अलावा इसके सोहागपुर से चंद किलोमीटर की दूरी पर एक और पर्यटन स्थल मढ़ई तेजी से पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है. वजह वाइल्ड लाइफ का रोमांच और यहाँ का प्राकर्तिक सौंदर्य है. पर्यटकों की आवाजाही के चलते सोहागपुर मे धडल्ले से होटल, रिसोर्ट और ढाबे खुलते जा रहे हैं.
दिल्ली के पॉश इलाके वसंत विहार में रहने बाली 40 वर्षीय लीना शर्मा का सोहागपुर आना जाना अक्सर होता रहता था, क्योंकि यहाँ उसकी 22 एकड़ जमीन हैर जो उसके नाना और मौसी मुन्नी बाई ने उसके नाम कर दी थी. लीना की स्वामित्व वाली जमीन की कीमत करोड़ों रुपये मे थी, लेकिन इसमे से दस एकड़ जमीन उसके रिश्ते के मामा प्रदीप शर्मा ने दबा रखी थी. बीती 21 अप्रेल को लीना खासतौर से अपनी जमीन की नपती के लिए भोपाल होते हुये सोहागपुर आई थी. 23 अप्रेल को पटवारी और आर आई ने उसके हिस्से की जमीन नापकर उसे मालिकाना हक सौंपा, तो लीना ने तुरंत जमीन पर फेंसिंग का काम शुरू कर दिया.
दरअसल मे इस जमीन का सौदा वह 2 करोड़ मे कर चुकी थी और इस पैसे से दिल्ली में ही जायदाद खरीदने का मन बना चुकी थी. 29 अप्रेल को फेंसिंग के दौरान प्रदीप शर्मा अपने 2 नौकरों राजेन्द्र कुमरे और गोरे लाल के साथ आया और लीना से जमीन को लेकर झगड़ना शुरू कर दिया. प्रदीप सोहागपुर का रसूखदार शख्श है और सोहागपुर ब्लॉक कांग्रेस का अध्यक्ष भी है. विवाद इतना बढ़ा कि प्रदीप और उसके नौकरों ने मिलकर लीना की हत्या कर दी. हत्या चूंकि पूर्व नियोजित नहीं थी, इसलिए इन तीनों ने पहले तो लीना को बेरहमी से लाठियों और पत्थरों से मारा और गुनाह छुपाने की गरज से उसकी लाश को ट्रेक्टर ट्राली मे डालकर नया कूकरा गाँव ले जाकर उसे जंगल मे गाड़ दिया.
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