पुलिस कस्टडी में डेथ के मामले में कारोबारी सत्य प्रकाश शुक्ला की मौत के मामले में सुल्तानपुर की एसपी डौक्टर ख्याति गर्ग ने कहा कि सत्य प्रकाश शुक्ला के परिजनों की मांग पर मुकदमा कायम किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सत्य प्रकाश शुक्ला के बाहरी शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले. शरीर में जहर की संभावना को देखते हुए जांच के लिये विसरा सुरक्षित कर जांच के लिये भेज दिया गया है. घटना से उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी होने लगी है. ऐसे में पुलिस अलग-अलग तरह के काम कर रही है.

सत्य प्रकाश शुक्ला को पुलिस 26 लाख की लूट के मामले में पूछताछ के लिये पीपरपुर थाने लाई थी. उसके साथ उसके दो बेटे भी थे. थाने में ही पूछताछ के बाद सत्य प्रकाश की तबियत खराब हो गई. जहां से उनको अस्पताल ले जाया गया. पीएससी डाक्टर की रिपोर्ट के अनुसार सत्यप्रकाश ने कोई जहरीली चीज खाई थी. सत्य प्रकाश शुक्ला के दोनो बेटों ने पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री दिये जाने का आरोप लगाया.

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पुलिस हिरासत मौत की घटना से पूरे प्रदेश में हलचल मच गई. समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा ‘इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिये’. पुलिस कस्टडी में हत्या की घटना में बचाव में उतरी सुल्तानपुर की एसपी डाक्टर ख्याति गर्ग ने अपने वीडियो बयान में कहा कि ‘सत्य प्रकाश के शरीर पर कोई बाहरी चोट नही है.‘ इस बयान का मतलब यह था कि पुलिस ने थर्ड डिग्री नहीं दी है. ऐसे में पुलिस कस्टडी की बात गलत है.

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