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घटना मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की है. 17 अप्रैल, 2019 को दिन के यही कोई 3 बजे थे. उसी समय जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के पीपलीनाका इलाके की महावीर सोसायटी में स्थित पंडित रमेश व्यास के मकान से गोलियां चलने की आवाज आईं. एक के बाद एक 2 गोलियों की आवाज सुन कर रमेश व्यास की पत्नी गीताबाई डर गई.

उस समय वह अपने 3 मंजिला मकान में भूतल पर थी. गोलियों की आवाज सुन कर गीताबाई भागीभागी ऊपर की मंजिल पर पहुंची, जहां उस का 37 वर्षीय बेटा देवकरण अपनी 27 वर्षीया पत्नी अंतिमा के साथ रहता था.

गीताबाई ने जैसे ही बेटे और बहू को देखा तो उस की चीख निकल गई. क्योंकि बहूबेटा दोनों खून से लथपथ पड़े थे. गीताबाई के चीखने और रोने की आवाज सुन कर पड़ोसी भी आ गए. उन्होंने जब देवकरण और उस की पत्नी को देखा तो वे भी हैरान रह गए कि ऐसा कैसे हो गया.

उन दोनों की मौत हो चुकी थी. थोड़ी देर में मोहल्ले के तमाम लोग इकट्ठे हो गए. उसी दौरान किसी ने थाना जीवाजीगंज में फोन कर के सूचना दे दी.

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घटना की सूचना मिलते ही थानाप्रभारी शांतिलाल मीणा एसआई कैलाश भारती आदि के साथ मौके पर पहुंच गए. मकान की ऊपर वाली मंजिल के एक कमरे में उन्होंने पलंग पर देवकरण व उस की पत्नी अंतिमा के शव देखे. दोनों ही शव खून से लथपथ थे. पास ही एक पिस्टल पड़ी थी.

निरीक्षण में पता चला कि अंतिमा के सिर में गोली काफी नजदीक से मारी गई थी. लग रहा था कि देवकरण ने पहले अंतिमा की हत्या की फिर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली. थानाप्रभारी को लगा कि शायद पतिपत्नी के बीच किसी विवाद के कारण यह घटना हुई है पर पुलिस जांच के दौरान अलमारी से जो सुसाइड नोट मिला, उस से पूरी कहानी ही बदल गई.

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