सौजन्य: सत्यकथा

उत्तर प्रदेश के जिला अमेठी के गांव पीपरपुर के रहने वाले निवासी शिवनाथ कश्यप के बेटे किशन
की शादी सुलतानपुर के थाना धम्मौर के हाजीपट्टी गांव निवासी गुडि़या उर्फ प्रभावती से तय हो चुकी
थी और 25 जून, 2020 को उन की शादी की तारीख भी तय हो गई थी.

शादी तय हो जाने के बाद आजकल मंगेतर से फोन पर बातचीत करना, उस के साथ घूमनाफिरना, शौपिंग करना आम बात हो गई है. किशन और गुडि़या भी 2-4 बार फोन पर बात करते थे. वाट्सएप द्वारा तो उन की रोजाना ही बात होती थी. 11 जून, 2020 को सुबह 4 बजे किशन को गुडि़या ने फोन कर के कहा, ‘‘मुझे अपने लिए कुछ शौपिंग करनी है. यदि आप यहां आ जाओगे तो हम दोनों अपनी पसंद की शौपिंग कर लेंगे.’’

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किशन ने हां कर दी और वह उस दिन अपनी मंगेतर के बताए स्थान पर चला गया. जाने से पहले उस ने यह बात अपने घर वालों को बता दी थी. वह चला तो गया, लेकिन वापस नहीं लौटा. घर वालों ने किशन के मोबाइल पर फोन किया तो वह बंद मिला. गुडि़या और उस के घर वालों को फोन किया तो उन के मोबाइल भी बंद मिले. अगले दिन शिवनाथ बेटे की तलाश में अपने गांव से 30 किलोमीटर दूर हाजीपट्टी गांव स्थित गुडि़या के घर पहुंच गए. वहां गुडि़या और उस के पिता राजाराम ने बताया कि किशन वहां नहीं आया था. तब शिवनाथ चिंता में डूबे वापस घर लौट आए.

घर पहुंचे तो घर पर गुडि़या की मां कुसुमा और मामा कांशीराम को मौजूद पाया. उन से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह किशन के घर न आने की बात बताने आए थे. इस के बाद वे लोग चले गए. इस के बाद शिवनाथ ने बाजार व भीड़भाड़ वाले इलाकों में जा कर अपने बेटे किशन की फोटो दिखा कर उस के बारे में पूछा कि किसी ने उसे कहीं देखा है. लेकिन कोई किशन के बारे में कुछ न बता पाया. थकहार 14 जून, 2020 को शिवनाथ ने पीपरपुर थाने में किशन की गुमशुदगी दर्ज करा दी.

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