उन दिनों मैं अपने पति के साथ लंदन घूमने गई थी. वहां की एक बस सेवा ‘बिग बस’, सैलानियों के बीच बहुत लोकप्रिय है. एक बार बस का टिकट ले कर दिनभर आराम से पूरे लंदन में जहां जी चाहे घूम सकते हैं. एक दिन शाम को बस से अपने होटल लौट रही थी. रास्ते में 2 लड़कियां बस पर चढ़ीं. दोनों की उम्र 20 वर्ष से कम ही रही होगी. वे मेरे पास आ कर बैठ गईं. उन में से एक ने अंगरेजी में कहा ‘‘हम दोनों आस्ट्रेलियन हैं. आप पोशाक से इंडियन दिखती हैं?’’
मेरे ‘हां’ कहने पर मेरी बिंदी की ओर इंगित कर पूछा, ‘‘आप के ललाट पर रेड डौट क्यों है? अच्छा लग रहा है. मैं इसे ले सकती हूं?’’ इतना कह कर वे अपना हाथ बढ़ा कर मेरी बिंदी लेना चाहती थीं. मैं ने उसे बीच में रोकते हुए कहा, ‘‘इसे बिंदी कहते हैं और भारत में विवाहित स्त्रियां इसे लगाती हैं.’’
यह सुन कर दोनों जोर से हंसने लगीं और कहा, ‘‘हमें भी एक चाहिए.’’ मैं ने अपने बैग से बिंदी का एक पूरा पत्ता निकाल कर उस को दे दिया. दोनों ने एकएक बिंदी अपने ललाट पर लगा कर हंसते हुए बस में बैठे सभी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप सब हमारी ओर देखें, हम अब शादीशुदा लग रहे हैं न?’’ इस पर सभी यात्री जोर से हंसने लगे थे. हम लोग भी हंस पड़े.
शकुंतला, बी एस सिटी (झा.)
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मैं दिल्ली से बिहार आ रही थी. रास्ते में मुगलसराय में एक लड़की, जो बीएचयू की स्टूडैंट थी, ट्रेन में चढ़ी. टीटीई आए और पूछने लगे, ‘‘कहां जाना है?’’ लड़की ने जवाब दिया, ‘‘बक्सर जाना था पर अब जहां गाड़ी पहले रुकेगी, हम उतर जाएंगे.’’ टीटीई उस लड़की के जवाब से उलझन में पड़ गए. फिर पूछा, ‘‘अरे यह तो बताओ जाना कहां है?’’ लड़की पहले तो थोड़ा अचकचाई पर जवाब फिर पहले वाला ही दिया. अब टीटीई सारी बात समझ गए और गुस्से से बोले, ‘‘रास्ते में जंगल में गाड़ी रुकेगी तो क्या वहीं उतर जाओगी? अरे कोई परेशानी भी है तो सच बोलो, तो कोई मदद भी करेगा. इस तरह झूठ बोल कर तो तुम और मुसीबत में फंसती जा रही हो.’’