मैं  40 वर्षीय सरकारी सेवा में कार्यरत विवाहित पुरुष हूं और 2 पुत्र (आयु 15 व 18 वर्ष) एवं 16 वर्षीय बेटी का पिता हूं. पत्नी को ले कर मैं बेहद परेशान हूं. उस के संबंध पड़ोस में रह रहे कम उम्र के लड़के से हो गए हैं. काफी समझाया पर वह नहीं मानती. हमारी बहुत कहासुनी हुई पर सब बेकार गया. मार्गदर्शन कीजिए, क्या करूं?

क्या आप ने उस लड़के से बात की है? उस को तो डांटिए ही, साथ ही उस के मांबाप से भी इस बारे में बात कीजिए. इस केस को सुलझाने में वे महत्त्वपूर्ण कड़ी होंगे. हो सकता है उन्हें इस बात का पता न हो. अब तो आप के बच्चे भी बड़े हो गए हैं, वे भी सब जानते होंगे. वे अपनी भटकी मां को समझा भी सकते हैं. आप पत्नी से सख्ती से पेश आएं और यहां तक कह दें कि आप उस से तलाक ले लेंगे. ऐसा बोलने से वह सीधे रास्ते पर आ जाएगी.

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मैं 32 वर्षीय विवाहिता, 2 बच्चों की मां हूं. 2 साल से अपने मातापिता के साथ बेंगलुरु में रह रही हूं. ससुराल में संयुक्त परिवार है, वहां पति की ज्यादतियों से तंग आ कर मायके आई. पति अपनी सारी कमाई अपने घरवालों पर उड़ा देते हैं. मुझ से कहते हैं, ‘दो वक्त रोटी तुम्हें मिल जाती है, बस, वही बहुत है.’ बीमार पड़ने पर दवा नहीं दिलाते, न डाक्टर को दिखाते हैं. मातापिता जो पैसे भेजते थे वह भी खुद ही रख लेते थे. मेरा बेटा भी मायके में ही हुआ. मैं तलाक लेना चाहती हूं. आप मुझे बेंगलुरु की महिला हैल्पलाइन का नंबर व पता बताने की कृपा करें.

आप 2 साल से पति से अलग हैं और परिस्थितियों को देखते हुए आप को लगता है कि अब आप दोनों का साथ रहना असंभव है इसलिए आप ने पति से अलग रहने का निर्णय ले लिया है. जहां तक बेंगलुरु की महिला हैल्प लाइन का सवाल है आप बेंगलुरु सिटी पुलिस की हैल्प लाइन वनिता सहाय वानी (वीएसवी) (1091) पर संपर्क कर के विस्तार से इस बारे में राय ले सकती हैं. इस के अलावा आप चाहें तो अपने किसी निजी ऐडवोकेट से भी सलाह ले सकती हैं.

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मैं 23 वर्षीय अविवाहिता हूं. हम 7 भाईबहन हैं, 4 बहनें व 3 भाई और मातापिता. 3 बहनों की शादी हो चुकी है. हम सब ठीक से रह रहे थे. इधर बड़े भाई की शादी हुई, भाभी बेहद कर्कशा और झगड़ालू किस्म की हैं. हर समय क्लेश करती हैं. इधर, मुझ में भी सहनशक्ति नहीं है. हाल ही में मैं ने आत्महत्या की कोशिश की पर बचा ली गई. अब बड़े भाई और भाभी अलग घर ले कर रह रहे हैं. घर में बचे 2 भाई और मैं. छोटा भाई हर बात में मीनमेख निकालता है, हर बात का दोष मुझ पर मढ़ता है. मंझला  भाई मेरी तरफदारी करता है. उसी का सहारा है वरना मैं तो फिर आत्महत्या की सोच रही थी. मैं बीए पास हूं, नौकरी कैसे मिलेगी. जिंदगी नीरस व दिशाहीन लगती है. शादी के भी कोई आसार नजर नहीं आते क्योंकि आजकल शादी के लिए लड़के वालों की मांगें बहुत अधिक होती हैं. हाल यह है घर वालों ने मुझ से बात करना बंद कर दिया है. मैं स्वयं को बेहद बेसहारा महसूस कर रही हूं. कोई राह सुझाएं?

पहले तो यह समझ लीजिए कि कभी भी आत्महत्या जैसा विचार अपने मन में नहीं लाना है. दूसरी, जिंदगी में अगर कोई परेशानी है तो उस से लडि़ए, भागती क्यों हैं, क्यों पलायनवादी प्रवृत्ति को अपना रही हैं. यह समझ लीजिए कि जहां चार बरतन होंगे, खटकेंगे ही. इसी तरह जहां चार लोग साथ रहते हैं वहां खटपट होनी मामूली बात है. लगभग हर घर की यही कहानी है. इतने बड़े परिवार में झगड़ालू सदस्य भी होंगे तो शांतिप्रिय भी. जिंदगी के अच्छे पहलू को भी तो देखिए. मंझले भाई को ही लीजिए, वह आप की तरफ से बोलता है. अपने अंदर भी झांक कर देखिए. आप ने बताया कि आप को भी बहुत गुस्सा आता है, हो सकता है इस बात से भी घर के लोग नाराज हों, तभी बात नहीं करते. मुझे लगता है आप खाली रहती हैं और 24 घंटे ऊलजलूल ही सोचती होंगी, बात वहीं से बढ़ जाती है. सब से पहले तो आप कहीं नौकरी करने की कोशिश कीजिए. आप स्नातक हैं, नौकरी मिल सकती है, साथ ही, कोई कोर्स भी जौइन कर लें. इस से एक तो क्वालिफिकेशन बढ़ेगी, दूसरे टाइम भी अच्छा पास होगा. आप की कुछ सहेलियां भी होंगी, उन से भी मिलेंजुलें व बहनों के साथ भी प्रोग्राम बनाती रहिए. साथ ही, अपने गुस्से को कंट्रोल करना सीखें. कोशिश कीजिए जिंदगी खुशनुमा हो जाएगी.

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मैं 30 वर्षीय विवाहिता, 7 वर्षीय बेटे की मां हूं. कुछ दिन से बेटे के व्यवहार में अजीब सी बात हो रही है. वह हर चीज को बारबार छूता है, अपने हाथों को एक ही दिशा में बारबार चलाता है. मैं ने ऐसा कई लोगों में देखा है. क्या यह कोई बीमारी है? कृपया जानकारी दें.

आप के बेटे का इस प्रकार का व्यवहार किसी मनोवैज्ञानिक कारण से भी हो सकता है. यह वैसे कोई बीमारी नहीं है. कई बार घर का वातावरण ठीक न होने से बच्चे के दिमाग पर असर पड़ता है और वह कुछ अजीबोगरीब हरकतें करने लगता है, या यह भी हो सकता है कि वह स्वयं को उपेक्षित समझ रहा हो, तब भी ऐसा हो सकता है. आप किसी अच्छे बाल मनोवैज्ञानिक को दिखा दें.

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