एक दिन हम अपने 2 साल के बेटे पर्व के साथ मार्केट गए. वहां एक जुलूस निकल रहा था जिस में लोग ‘हाय...हाय’ के नारे लगा रहे थे. लौटते वक्त वहां से पर्व कुछ खिलौने भी लाया. जब घर में सब ने उस से पूछा कि खिलौने कहां से लाए तो वह बोला, ‘हाय हाय से.’ घर वाले कुछ समझे नहीं पर जब उन्हें जुलूस में नारे वाली बात पता चली तो सब खूब हंसे.
पूजा, मेरठ (उ.प्र.)

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मेरा 5 वर्षीय भतीजा पुलकित टीवी में विज्ञापनों को बहुत गौर से देखता है. एक दिन हम सभी परिवारजन बैठ कर भोजन कर रहे थे. अचानक मेरी बेटी से पानी से भरा गिलास गिर गया. इस पर वह जोर से चिल्लाया, ‘‘मम्मी, जल्दी से विस्पर ले आओ, दीदी से पानी गिर गया है. टीवी में दिखाता है कि यह बहुत तेजी से सोखता है.’’ उस की बातें सुन कर हम सभी का हंसतेहंसते बुरा हाल हो गया.

अंजुला अग्रवाल, मीरजापुर (उ.प्र.)

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मेरा बेटा जब दूसरी क्लास में था तभी से वह क्रिकेट खेलने का शौकीन था. उस के शौक को देखते हुए हम ने उसे कोच के पास भेजना शुरू कर दिया. जब वह 5वीं क्लास में पहुंचा तब आईपीएल क्रिकेट टूर्नामैंट शुरू हुआ. हम सब बैठ कर टीवी पर प्रसारित हो रही न्यूज में आईपीएल के बारे में जानकारी ले रहे थे कि तभी खबर आई, ‘सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह को एक ही टीम ने खरीद लिया.’

उसी वक्त मेरा बेटा जोरजोर से रोने लगा. हम ने कहा, ‘‘बेटा, क्यों रो रहे हो?’’

‘‘मां, मुझे क्रिकेट नहीं खेलना, न मुझे बिकना है. मुझे हमेशा आप के पास रहना है.’’

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