मेरी 3 वर्षीया नातिन कुहू, काफी शरारती है. ज्यादा बोलतेबोलते, कभीकभी ऐसी बातें करने लगती है, जिसे समझने में देर लग जाती है. एक दिन मेरे पास आ कर कहने लगी, ‘‘नानीनानी, हम ने ब्लेड और मसाला खा लिया.’’
मैं ने घबरा कर पूछा, ‘‘कहां मिला तुम्हें ब्लेड और मसाला?’’ 
वह टेबल के पास ले गई. वहां पर प्लेट में ब्रैड और मक्खन रखा हुआ था और पास ही बौर्नविटा का डब्बा भी था. उस की सारी बातें समझ कर हम लोग खूब हंसे. सुषमा सिन्हा, वाराणसी (उ.प्र.)
 
एक दिन मेरी ननद और उस की बेटी मार्केट जा रही थीं. रास्ते में उन्हें मेरे ससुरजी मिल गए. उन की बेटी ने मेरे ससुरजी से कहा कि उसे पैसे दो, चौकलेट लेनी है. इस पर ननद बोली, ‘‘तुम मेरे पापा से पैसे क्यों मांगती हो?’’
अगले दिन जब मेरी ननद अपने पति से पैसे ले रही थी तब उन की बेटी तपाक से बोली, ‘‘आप मेरे पापा से पैसे क्यों मांग रही हो?’’ सोनम भाटिया, कानपुर (उ.प्र.)
 
मेरी बेटी 4 वर्ष की थी. एक दिन रसोई में उस ने हीटर पर दूध उबलते देखा तो वह फौरन बोली, ‘‘मम्मी, मैं यह दूध नहीं पीऊंगी, अगर मैं पीऊंगी तो मुझे करंट लग जाएगा.’’
उस की बात सुन कर हम सब हंसतेहंसते लोटपोट हो गए.
साधना वाजपेयी, ग्वालियर (म.प्र.)
 
मेरा 5 वर्ष का बेटा प्रखर बहुत नटखट व हाजिरजवाब है. बात हाल ही की है. स्कूल खुलने के पहले दिन ही मुझे उसे तैयार करने में कुछ विलंब हो गया, जिस के कारण स्कूल बस ड्राइवर को कुछ देर रुकना पड़ गया.
दोपहर को स्कूल से लौटने पर वह कुछ गंभीर हो कर कहने लगा, ‘‘मां, मुझे स्कूल के लिए कल जल्दी तैयार कर देना. वरना मेरी बैंड बज जाएगी.’’
यह सुनते ही हम सब हंसतेहंसते लोटपोट हो गए.
मीना सक्सेना, हरदोई (उ.प्र.)
 
गरमियों की छुट्टियों में मेरी पोती रागिनी, जिस की उम्र 5 साल है, हमारे घर रहने के लिए हरिद्वार आई. एक दिन मेरी सहेली मेरे घर आई और मेरी पोती से पूछने लगी, ‘‘बेटा, आप के घर में कौनकौन रहता है?’’
बड़ी मासूमियत के साथ वह बोली, ‘‘आंटी, मेरे घर में बाबा सिंघल, दादी सिंघल, दीदी राधा सिंघल और हमारा डौगी सिंघल रहते हैं.’’
डौगी सिंघल सुनते ही मेरी सहेली का व मेरा हंसतेहंसते बुरा हाल हो गया.
रेखा सिंघल, हरिद्वार (उत्तराखंड) 

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...