अपना घर और अपनी गाड़ी हर किसी का सपना होता है. अगर आप भी नई कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके पास भी कई आप्शन होंगे. अगर आपकी आए उतनी नहीं है, और आप कार लोन के लिए एप्लाई करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए कुछ बातों का जानना बहुत जरूरी है.

लोन अमाउंट

कार खरीदने वाले अधिकतर लोगों यह कंफ्यूजन रहता है कि उन्हें कितनी रकम लोन के तौर पर बैंक से लेनी चाहिए. बैंक कार लोन देने से पहले आवेदनकर्ता के आय का विश्लेषण करते हैं. अगर आपकी कार लोन की ईएमआई आपके मासिक आय का 20 फीसदी के आसपास है तो ऐसे में बैंक आपको लोन दे देते हैं. अगर किसी की मासिक सैलेरी 50,000 रुपए है तो कार लोन की ईएमआई 10,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए.

सिर्फ इंट्रेस्ट ही काफी नहीं

अगर आप सिर्फ बैंक के ब्याज दरों को देखकर कार लोन लेते हैं तो यह गलत है. मान लें कि आप चार लाख रुपए का कार लोन लेना चाहते हैं. कोई बैंक कार की कीमत का 80 फीसदी लोन पांच साल के लिए 10.5 फीसदी की ब्याज दर पर देता है. वहीं,  दूसरा बैंक 10.25 फीसदी की ब्याज दर पर लोन देता है. इन दोनों ब्याज दरों में सिर्फ 48 रुपए का ही फर्क है. थोड़े से कम ब्याज के चक्कर में एकदम से लोन लेने का फैसला न करें. ब्याज दरों के अलावा दूसरी बातों का भी ध्यान रखें और फिर लोन लेने का फैसला लें.

प्रोसेसिंग चार्ज

बैंक के नियमों के अनुसार कार लोन प्रोसेसिंग फीस तय रहती है. आमतौर पर 2.5 लाख तक के लोन पर बैंक 2500 रुपए तक प्रोसेसिंग चार्ज लेते हैं और इसके साथ ही डाक्‍यूमेंटेशन के 350 रुपए देने पड़ते हैं. वहीं, 4 से 5 लाख के लोन पर बैंक 4000 रुपए प्रोसेसिंग फीस और डाक्‍यूमेंटेशन के लिए 350 रुपए ही लेते हैं. लोन लेने से पहले बैंकों के ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस को भी कंपेयर करना जरूरी है.

प्रीपेमेंट चार्ज का रखें ध्यान

सस्ती ब्याज दरें देखकर लोन के लिए एप्लाई न करें. कार लोन चुकाने के लिए आपको 5-7 साल का वक्त मिलता है. अगर आपकी सैलेरी बढ़ती है और आप लोन को जल्द से जल्द चुकाना चाहते हैं, तो कई बैंकों की पॉलिसी के अनुसार आपसे प्रीपेमेंट चार्ज भी वसूला जाता है. कुछ बैंक प्रीपेमेंट पैनल्‍टी चार्ज नहीं लेते. अगर आपको लगता है कि आपकी आय बढ़ने वाली है तो प्रीपेमेंट वाले बैंकों से कर्ज न लें. बैंक की शर्तों को ध्यान से पढ़े.

अपना क्रेडिट स्कोर पता करें

कार लोन के लिए एप्लाई करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर के बारे में पता करना जरूरी है. बैंक आपको क्रेडिट स्कोर के हिसाब से ही लोन देगा. लो क्रेडिट स्कोर पर आपका लोन ऐप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकता है और हाई क्रेडिट स्कोर पर आपको तुरंत लोन मिल सकता है.

आय के हिसाब से हो व्यय

जितनी आपकी आय है उसी हिसाब से व्यय भी करें. पहले यह तय करें कि क्या आप ईएमआई पेमेंट करने के काबिल हैं या नहीं. अगर आप एक बार भी ईएमआई चुकाने में चुकते हैं तो इसका प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर ही पड़ता है. आपकी अभी की मासिक आय के हिसाब से ही लोन रिपेमेंट की अवधि चुनें. भविष्य में सैलेरी बढ़ने की आशा में कोई भी कदम न उठायें.

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