अगर आप भी अक्सर रेल से सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए काम की है. जी हां, रेलवे के नए नियमों के तहत आप तत्काल टिकट पर 100 प्रतिशत तक रिफंड ले सकते हैं. यानि आप कुछ शर्तों के साथ तत्काल टिकट का पूरा पैसा वापस लेने के हकदार होंगे. इसके तहत काउंटर और ई-टिकट दोनों पर पैसा वापस मिलेगा.
रेलवे ने इसके लिए पांच शर्तों के तहत रिफंड देने की व्यवस्था शुरू की है. इस नियम का फायदा ऐसे यात्रियों को होगा जो अचानक यात्रा का प्लान बनने पर तत्काल टिकट कराते हैं लेकिन बाद में ट्रेन लेट होने या अन्य किसी कारण से उन्हें गंतव्य पर पहुंचने के लिए अन्य किसी विकल्प का सहारा लेना पड़ता है.
इस स्थिति में वापस होगा पूरा पैसा
नए नियम के मुताबिक ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन पर तीन घंटे विलंब से आने पर, रूट डायवर्ट होने, बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन के नहीं जाने और कोच डैमेज होने या बुक टिकट वाली श्रेणी में यात्रा की सुविधा नहीं मिलने पर यात्री 100 प्रतिशत रिफंड ले सकेंगे. यही नहीं यदि यात्री को लोअर श्रेणी में यात्रा की सुविधा मुहैया करायी जाती है तो रेलवे किराए के अंतर के साथ ही तत्काल का चार्ज भी लौटाएगी. सीपीआरओ, एनईआर, संजय यादव ने बताया कि पांच शर्तों के आधार पर तत्काल टिकट पर भी सौ फीसदी रिफंड देने का नियम बनाया है.
सुबह 10 बजे से शुरू होती है बुकिंग
आपको बता दें कि एसी श्रेणी में तत्काल टिकट बुकिंग सुबह 10 बजे से शुरू होती है, जबकि नौन एसी क्लास की बुकिंग सुबह 11 बजे से होती है. तत्काल टिकट बुकिंग यात्रा से एक दिन पहले करानी पड़ती है. एक पीएनआर पर अधिकतम चार यात्रियों की ही टिकट बुकिंग हो सकती है. तत्काल टिकट की बुकिंग के लिए आपको सामान्य किराया के अलावा तत्काल टिकट शुल्क का भी भुगतान करना पड़ता है.
10 प्रतिशत ज्यादा का भुगतान
यात्री को सेकेंड क्लास के लिए ट्रेन के सामान्य किराये पर 10 प्रतिशत ज्यादा का भुगतान करना पड़ता है जबकि अन्य श्रेणी के लिए 30 फीसदी के करीब भुगतान करना होता है. सेकेंड सिटिंग का तत्काल टिकट बुक करने पर 10 से 15 रुपए का चार्ज लगता है. स्लीपर क्लास का टिकट बुक करने न्यूनतम 100 रुपए और अधिकतम 200 रुपए का अतरिक्त शुल्क देना होता है.
एसी चेयर कार का टिकट बुक करने पर न्यूनतम 125 और अधिकतम 225 रुपए का शुल्क लगता है. एसी 3 टियर के तत्काल टिकट पर कम से कम 300 रुपए और अधिकतम 400 रुपये का चार्ज लगता है. एसी 2 टियर का टिकट बुक करने पर कम से कम 400 रुपये और अधिकतम 500 रुपये का चार्ज लगता है. वहीं एग्जीक्यूटिव क्लास का तत्काल टिकट लेने पर न्यूनतम 400 रुपये और अधिकतम 500 रुपये का शुल्क लगता है.
इससे पहले भारतीय रेलवे की तरफ से ऐसे साढ़े 13 हजार कर्मचारियों की पहचान की गई है जो लंबे समय से बिना बताए छुट्टी पर चल रहे हैं. इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. रेलवे ने पिछले दिनों यह कदम तब उठाया है जब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उच्च अधिकारियों से कहा कि वे रेल के सभी विभागों में मौजूद उन लोगों का पता लगाएं जो लंबे समय से बिना बताए छुट्टी पर हैं.