आज कोई भी व्यक्ति अपने प्रोफेशन में कितने भी अच्छे पद पर क्यों न हो, लेकिन हर किसी को रिटायरमेंट के बाद की चिंता सताती है. सभी सोचते हैं कि अगर रिटायरमेंट के बाद उनके परिवार ने उनकी फाइनेंशियल हेल्प नहीं की तो क्या होगा. अगर आपके अंदर भी इस तरह प्रश्न उठ रहा है तो 50 साल की उम्र से ही आपको रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग कर लेनी चाहिए, ताकि आगे परेशानी न हो.
रिटायरमेंट के बाद चिंतामुक्त रहने के लिए आफ कर सकते हैं इस तरह की प्लानिंग.
फालतू खर्चों पर करें कंट्रोल
खर्च दो तरह के होते हैं. पहला है मैंडेटरी खर्च. इसमें रोज उपयोग होने वाले सामान अनाज आदि शामिल हैं. घर में काम करने वाले स्टाफ की सैलरी और दवाई भी इसी में आती है. इस तरह के खर्च को आप होने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन एक दूसरे तरह का खर्च भी होता है जिनको आप रोक सकते हैं. इसमें बाहर का खाना, घूमने जाना, बाहर ज्यादा फिल्में देखने जैसे खर्च ज्यादा होते हैं.
सबसे पहले तो आप अपने घरेलू खर्चों पर नियंत्रण करें. कई सारे सामान ऐसे होते हैं जिन पर ज्यादा पैसा लगाना बेकार है. जैसे कि कार, एसी, फ्रिज आदि. इन सब का दाम आगे जाकर गिर जाता है. इन पर सोच समझकर पैसे खर्च करें. इस बात का ध्यान रखें कि रिटायरमेंट के बाद पैसा आना तो बंद हो जाता है, लेकिन खर्च होना बंद नहीं होता है. ऐसे में आपको खुद पर कंट्रोल करते हुए बहुत सारी इच्छाओं को मारना होगा.
कम उम्र से पैसा बचाना शुरू करें
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