अगस्त के पहले सप्ताह के दौरान बौंबे शेयर बाजार यानी बीएसई में कम उत्साह का माहौल रहा और निवेशकों ने जम कर लिवाली की. नतीजतन, बीएसई का सूचकांक 32 हजार तथा नैशनल स्टौक एक्सचेंज का निफ्टी 10 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे उतर आया.
कंपनियों के परिणाम ठीकठाक रहने के बावजूद बाजार में दबाव बना रहा जिस के कारण लगातार 4 सत्रों तक बाजार में गिरावट रही.
बाजार की यह गिरावट सामान्य थी, फिर भी निवेशकों में उत्साह नजर नहीं आया. इस की वजह देश के राजनीतिक माहौल में तेजी से परिवर्तित होते घटनाक्रम के साथ उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव का माहौल बताया गया.
इस से पहले सप्ताह यानी जुलाई के आखिर में भी बाजार पर दबाव रहा और आईटी तथा फार्मा क्षेत्रों के शेयरों में गिरावट आई, जिस से सूचकांक लगातार 3 दिनों तक गिरावट पर रहा.
इस दौरान बीएसई तथा निफ्टी मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर ही बने रहे मगर रुपए में गिरावट रही.
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