पीएफआरडीए के अध्यक्ष हेमंत कांट्रेक्टर ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि अब राष्ट्रीय पेंशन योजना एनपीएस में 65 साल तक के व्यक्ति खाता खुलवा सकेंगे. इस बारे में पीएफआरडीए बोर्ड ने फैसला ले लिया है और जल्द ही इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. एनपीएस से जुड़ने की आयु सीमा को बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय हो गया है. अभी तक 60 वर्ष तक की उम्र के व्यक्ति ही इससे जुड़ सकते थे.

पेंशन क्षेत्र के नियामक पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण पीएफआरडीए ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य पेंशन क्षेत्र में सुधार कर पोर्टेबिलिटी को बढ़ाना या एनपीएस में वृद्धावस्था फंड को स्थांतरित कर इसे ज्यादा आकर्षक और ग्राहकों के लिए आसान बनाना है. यदि ऐसा नहीं होगा तो देश की अधिकतर आबादी को पेंशन का कवरेज उपलब्ध नहीं कराया जा सकेगा. उन्होने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य ऐसे सेक्टर के लिए पेंशन योजना शुरू करना है जहां यह उपलब्ध नहीं है.

इस समय देश में सिर्फ 15 से 16 फीसदी कामगारों को ही पेंशन का लाभ मिल रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत में लगभग 85 फीसदी कामगार असंगठित और अनियमित क्षेत्रों में काम करते हैं.

एनपीएस के फायदे के बारे में बताते हुए पीएफआरडीए के अध्यक्ष ने कहा कि यह आज विश्व की सबसे कम लागत की पेंशन योजना है. लागत बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लगातार 25 से 30 वर्षो तक एक प्रतिशत के भी फर्क से कम से कम 15 से 16 प्रतिशत का फर्क पैदा हो सकता है. एनपीएस का फंड प्रबंधन खर्च सबसे कम 0.01 फीसदी है.

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