क्या आप भी स्वास्थ्य बीमा लेने की सोच रहे हैं अगर हां तो ये खबर आपके लिए ही है. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़े पैमाने पर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के सक्रिय होने के बाद इनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में हर बारीक जानकारी मालूम होना बेहद जरूरी है ताकि इसका लाभ आप उठा सकें. तो कौन-कौन सी बातें आपकी इंश्योरेंस पौलिसी में जरूर होनी चाहिए? आईये जानते हैं...
एक्सीडेंट vs स्वास्थ्य
पौलिसी धारकों को सबसे पहले समझने की जरुरत है कि एक्सीडेंट Vs हेल्थ इंश्योरेंस में अंतर क्या है. एक्सिडेंट इंश्योरेंस दुर्घटना में मौत का कवर देता है. इसमें बीमा कंपनी आपके नौमिनी को बीमा का पैसा देगी. जबकि हेल्थ इंश्योरेंस से बीमारियों के इलाज के खर्चे की भरपाई की जा सकती है. अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज के खर्चे का कवर मिलता है.
सब-लिमिट
जब भी आप हेल्थ इंश्योरेंस लेने का मन बनायें तो पहले ये देखें कि पौलिसी में कोई सब-लिमिट तो नहीं है. कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पौलिसीज में सब-लिमिट नहीं होती है. जिस पौलिसी में कोई कैप या सब-लिमिट नहीं हो वो पौलिसी बेहतर रहेगी. इसके अलावा पौलिसी लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपके घर के आसपास के कितने हास्पिटल और डाक्टर आपकी पौलिसी की लिस्ट में हैं.
फ्री लुक विंडो
भारत में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कई तरह की मौजूद हैं, इनमें एलआईसी की कई पौलिसी में 15 दिनों का फ्री लुक विंडो होता है. अगर आपको पौलिसी पसंद नहीं है तो फ्री लुक विंडो बाकी रहने तक पौलिसी रिटर्न कर दें. आप किसी वित्तीय सलाहकार से इंश्योरंस के बारे में जानकारी लेकर उसकी सहायता से अपने लिए सही पौलिसी को चुन सकते हैं. औनलाइन पौलिसी खरीदने पर फ्री लुक पीरियड 30 दिन का होता है. हेल्थ इंश्योरेंस पौलिसी में 3 साल से ज्यादा की पौलिसी खरीदने पर ही ये सुविधा मिलती है. पौलिसी डौक्यूमेंट मिलने की तारीख साबित करना पौलिसी होल्डर की जिम्मेदारी होती है. यह सिर्फ नई पौलिसी लेने पर लागू होता, रिन्युअल पर नहीं लागू होता.