फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के बाद वालमार्ट ने भारत सरकार के प्रति अपनी टैक्स देनदारियों का कर दिया है. आयकर विभाग के आकलन के मुताबिक सरकार को वालमार्ट ने टैक्स देनदारियों के तौर पर 10500 करोड़ रुपये की राशि अदा की है. कंपनी को टैक्स देनदारियों का शुक्रवार तक करना था.

इस साल मई में वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 फीसद हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर (1.05 लाख करोड़ रुपये) में खरीदी थी. इसके बाद पिछले महीने कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआइ) ने भी इस सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी थी. कंपनी को शुक्रवार से पहले शेयरधारकों की हिस्सेदारी खरीदने के एवज में विदहोल्डिंग टैक्स की राशि सरकार को जमा करानी थी. कंपनी ने कहा है कि उसने यह काम टैक्स अधिकारियों के साथ मिल-बैठकर पूरा कर लिया है.

इसी साल जुलाई में वालमार्ट के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट व ट्रेजरर पेड्रो फाराह और उनके सहयोगी जैफ एडम्स ने आयकर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी अखिलेश रंजन से मुलाकात कर उन्हें इस मामले में सहयोग करने का भरोसा दिया था. उसके बाद से ही कंपनी आयकर विभाग के साथ मिलकर टैक्स की राशि का आकलन कर रही थी.

वालमार्ट के प्रवक्ता ने टैक्स अदायगी की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हम अपनी कानूनी देयता को गंभीरता से लेते हैं. इसमें उस सरकार के प्रति टैक्स देनदारी भी शामिल है जहां हम कारोबार करते हैं. फ्लिपकार्ट में हमारे निवेश के बाद हमने अपनी टैक्स विदहोल्डिंग की देयता को भारतीय टैक्स अधिकारियों की सलाह के मुताबिक पूरा कर लिया है.’

विदहोल्डिंग टैक्स या रिटेंशन टैक्स का मतलब ऐसे कर से है जिसका किसी कंपनी के हिस्सेदारों से इक्विटी खरीदने वाला करता है, न कि हिस्सेदारी बेचने की एवज में धनराशि पाने वाला. वालमार्ट फ्लिपकार्ट सौदे में भी वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट के विभिन्न शेयरधारकों से इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी है. लिहाजा इस टैक्स की देनदारी भी वालमार्ट की ही थी.

वालमार्ट ने इस साल मई में फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण का एलान किया था और उसने सॉफ्टबैंक, नैस्पर, एस्सेल पार्टनर्स और ई-बे समेत 44 निवेशकों से फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी. इसके अतिरिक्त फ्लिपकार्ट के प्रमोटर सचिन बंसल ने भी अपनी हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी को बेच दी थी.

एनक्लैट ने वालमार्ट से पूछे सवाल

उधर, एनक्लैट ने खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट की याचिका पर वालमार्ट और फ्लिपकार्ट दोनों से भारत में उनके कारोबार के तौर तरीकों की जानकारी मांगी है. वालमार्ट से इस मामले में 20 सितंबर 2018 तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है. साथ ही एनक्लैट ने सौदे के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले संगठन कैट से भी कहा है कि वे भी बताएं कि वह वालमार्ट के बिजनेस मॉडल को किस रूप में देखता है. एनक्लैट के चेयरमैन जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय ने कहा है कि वह याचिका की मेरिट तय करने से पहले वालमार्ट और फ्लिपकार्ट के देश में बिजनेस करने के तौर तरीकों को समझना चाहते हैं. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में ही एनक्लैट की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.

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