कारों की घरेलू मांग का 70 फीसद विभिन्न बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं के ऑटो लोन के जरिये पूरा होता है. मध्यवर्ग के लिए कार खरीदने का यह सबसे सुविधाजनक तरीका है. ऐसा करने से न तो आपकी जेब पर बोझ पड़ता है और न ही निवेश के मौके कम होते हैं. चूंकि बाजार में बहुत से कर्जदाता उपलब्ध हैं. ऐसे में कार लोन लेने से पहले किसी भी ग्राहक को कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछने चाहिए.
कार लोन की ब्याज दर फिक्स्ड होती है या फ्लोटिंग?
कारों की घरेलू मांग का 70 फीसद विभिन्न बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं के ऑटो लोन के जरिये पूरा होता है. मध्यवर्ग के लिए कार खरीदने का यह सबसे सुविधाजनक तरीका है. ऐसा करने
कारों की घरेलू मांग का 70 फीसद विभिन्न बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं के ऑटो लोन के जरिये पूरा होता है. मध्यवर्ग के लिए कार खरीदने का यह सबसे सुविधाजनक तरीका है. ऐसा करने से न तो आपकी जेब पर बोझ पड़ता है और न ही निवेश के मौके कम होते हैं. चूंकि बाजार में बहुत से कर्जदाता उपलब्ध हैं. ऐसे में कार लोन लेने से पहले किसी भी ग्राहक को कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछने चाहिए.
– कार लोन की ब्याज दर फिक्स्ड है या फ्लोटिंग?
– कार लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क क्या है?
– क्या कार लोन में पार्ट पेमेंट और प्री पेमेंट शुल्क का प्रावधान है?
– चेक बाउंस होने पर कितना शुल्क या दंड है?
– क्या डुप्लीकेट एनओसी के लिए ऋणदाता शुल्क लेता है?
– क्या बैंक द्वारा ऑटो लोन पर कोई छिपा शुल्क या दंड लिया जाता है?
ब्याज दरें दो प्रकार की होती हैं…
– फ्लोटिंग और
– फिक्स्ड.
फ्लोटिंग : फ्लोटिंग दर बैंक की आधार दर के साथ जुड़ी होती है और कर्ज की अवधि में इसमें बदलाव हो सकता है.
फिक्स्ड : फिक्स्ड ब्याज दर में कर्ज की पूरी अवधि में ब्याज दर अपरिवर्तित रहती है.
यदि आपको लगता है कि आने वाले सालों में ब्याज दरें घट सकती हैं तो आपको फ्लोटिंग दर का चयन करना चाहिए अन्यथा फिक्स्ड दर पर कर्ज लेना ठीक है.
प्रोसेसिंग शुल्क या आवेदन शुल्क आपके दस्तावेजों की प्रोसेसिंग के लिए लगाया जाने वाला शुल्क होता है. कुछ बैंकों का प्रोसेसिंग शुल्क निश्चित होता है, जबकि कुछ का प्रोसेसिंग शुल्क इस बात से तय होता है कि आप किस श्रेणी की कार के लिए कर्ज ले रहे हैं या आपको कार ऋण के तौर पर कितनी राशि चाहिए. ग्राहकों को केवल ब्याज दर में आंशिक अंतर होने पर किसी खास बैंक की तरफ आकर्षित होने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि ब्याज दर में भले ही आपको अंतर लगे. लेकिन आपकी मासिक किस्त में यह अंतर बेहद मामूली होता है. ब्याज दर में 25 आधार अंकों का अंतर कार लोन पर मात्र 12 रुपये प्रति लाख का फर्क देता है.