वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 का बजट पेश करते हुए ढांचागत अवसंरचना को विशेष महत्त्व दिया है. उस घोषणा का उद्देश्य देश में सड़क और रेल यातायात को मजबूती प्रदान करना है. रेल में ढांचागत विकास के लिए रेल बजट में पूरी व्यवस्था है लेकिन किस काम के लिए, कितनी निधि देनी है, आम बजट में यह व्यवस्था की जाती है.
आम बजट में रेल ढांचागत व्यवस्था को महत्त्व दिया गया है. इसी तरह सड़क परिवहन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इन दोनों क्षेत्रों के लिए कुल 2,18,000 करोड़ रुपए के लिए प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है. इस में राष्ट्रीय राजमार्ग में ढांचागत विकास के लिए बजट में 55,000 करोड़ रुपए के आवंटन की व्यवस्था की गई है जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 27,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है. जल मार्ग आदि के लिए 15,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं.
पूर्वोत्तर में सीमांत इलाकों में सड़क परिवहन को मजबूत बनाने तथा उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए सड़क यातायात बारामासा सुचारुरूप से चलने वाली सड़क बनाई जाएगी. दिल्ली-मेरठ ऐक्सप्रैसवे की तर्ज पर कई राज्यों में भीड़भाड़ कम करने के लिए इसी तरह के ऐक्सप्रैसवे बनाए जाएंगे.
सरकार का यह प्रयास परिवहन नैटवर्क को मजबूत बनाने के साथ ही मतदाताओं को रिझाना भी है. विपक्ष इसे भले ही वोट पाने का लक्ष्य बता रहा हो लेकिन सचाई यह है कि मजबूत ढांचागत विकास के बिना देश को आर्थिक खुशहाली की राह पर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.