नए बजट ने दूसरे लोगों को भले ही नाखुश किया हो, पर खेती और किसानों का पूरा खयाल रखा है. किसानों के लिए वाकई यह बहुत खुशी की बात है. पिछले कुछ अरसे से लगातार मुसीबतों से घिरे किसानों के लिए यह बजट किसी सौगात से कम नहीं है. इस बार सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन करीब दोगुना करते हुए 44485 करोड़ रुपए कर दिया है. इस के अलावा कृषि क्षेत्र के लिए ऋण का लक्ष्य पिछले साल के 8.5 लाख करोड़ रुपए से बढ़ा कर 9 लाख करोड़ रुपए कर दिया है. सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने पर बल देते हुए साल 2022 तक इसे दोगुना करने की बात कही है. किसानों पर ऋण अदायगी के बोझ को कम करने के लिए बजट में 15 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं. आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खेती को पहले नंबर पर रखा है. उन्होंने सिंचाई का इंतजाम सुधारने पर काफी जोर दिया है. देश की 46 फीसदी खेती को ही सिंचाई की सुविधा मिली हुई है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जरीए मिशन मोड में 28.5 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित इलाके में शामिल किया जाएगा. नाबार्ड के जरीए 20 हजार करोड़ रुपए की सिंचाई कार्पस निधि बनाई जाएगी. इसी तरह बारिश सिंचित इलाकों में मनरेगा के जरीए 5 लाख फर्म तालाब, कुएं और कंपोस्ट खाद के लिए 10 लाख गड्ढे बनवाए जाएंगे.
पारंपरिक कृषि विकास योजना के जरीए अगले 5 सालों में 5 लाख एकड़ जमीन पर जैविक खेती की जाएगी. पूर्वोत्तर व पहाड़ी राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जेटली ने बजट में 412 करोड़ रुपए की राशि तय की है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन से आम फसलों की खेती के अलावा तमाम कमर्शियल उत्पादों की खेती करने की अपील की गई?है. किसानों से खेती के साथसाथ पशुपालन, मधुमक्खीपालन व डेरी कारोबार करने को भी कहा गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कारगर नतीजों के लिए साल 2016-17 के इस बजट में 5500 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है. इस बार रसोईगैस सब्सिडी के अंदाज में खाद सब्सिडी की रकम भी सीधे किसानों के खातों में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है. शुरू में इस योजना को कुछ खास जिलों में आजमाया जाएगा और नतीजे अच्छे रहने पर इसे सभी जगह लागू कर दिया जाएगा. काबिलेगौर है कि सरकार सालाना 73 हजार करोड़ रुपए की खाद सब्सिडी किसानों को देती?है.
मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोनों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे. मिट्टी (मृदा) व बीज की जांच की सुविधाओं के साथ उर्वरक कंपनियों के 2 हजार आदर्श खुदरा केंद्र अगले 3 सालों के दौरान खोले जाएंगे. कृषि क्षेत्र में धान की कमी खत्म करने के लिए सरकार ने 0.5 फीसदी का सरचार्ज लगाया है. मंडी कानून में तब्दीली कर के राष्ट्रीय बाजार प्लेटफार्म शुरू किया जाएगा. विदेशी निवेश के जरीए खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के लिए बाजार तय किए जाएंगे. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट में 5 सौ करोड़ रुपए रखे गए हैं. इस मिशन में जिलों की संख्या बढ़ा कर 622 कर दी गई है. 674 कृषि विज्ञान केंद्रों के बीच 50 लाख रुपए की इनामी रकम के साथ राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता कराई जाएगी.