फाइनेंशियल ईयर 2015-2016 के खत्म होने से पहले आपकी टैक्स की टेंशन भी बढ़ गई होंगी. हर साल की तरह आप इस साल भी अपनी टैक्स देनदारी बचाने के लिए इंश्योरेंस, एफडी, पीपीएफ, एनएससी जैसे दूसरे विकल्पों में निवेश की प्लानिंग कर रहे होंगे. लेकिन टैक्स बचाने की हड़बड़ी में सरकार द्वारा बढ़ाई गई एक्जेम्प्शन लिमिट के बारे में सोचना ही भूल जाते हैं, जो हमारा टैक्स बचाने में भी मददगार होते हैं. सरिता टीम आपको आयकर के अलग अलग सेक्शन्स के अंतर्गत उन संशोधित सीमाओं के बारे में बता रही है जिनके बारे में जानना आपके लिए जरूरी है.
बढ़ गई है हैल्थ इंश्योरेंस की लिमिट
स्वयं, बच्चों के लिए और अपने पार्टनर के लिए दिए गए मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम पर इनकम टैक्स सेक्शन 80डी के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट 15 हजार रुपए सालाना से बढ़कर 25 हजार रुपए सालाना कर दी गई है. अगर अपने माता पिता के मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो उस पर आप 30 हजार तक की कटौती की मांग कर सकते हैं. पहले आप आप केवल 20 हजार रुपए की क्लेम कर सकते थे. वरिष्ठ नागरिकों के मामले में जहां पहले 20 हजार रुपए सालाना की लिमिट थी अब वहां 30 हजार कर दी गई है.
एनपीएस में निवेश कर पा सकते हैं 50 हजार की छूट
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सीसीडी के सेक्शन-1बी के तहत अब आप नैशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत 50 हजार रुपए की अतिरिक्त कटौती की भी मांग कर सकते हैं. यह कटौती सेक्शन 80 सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपए के अलावा है. अब सेक्शन 80 सी और 80सीसीडी (1बी) की कुल कटौती 2 लाख रुपए है.