इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब और सख्ती अपनाने जा रहा है. टैक्स ऑफिशियल्स अब विलफुल डिफॉल्टर्स को अरेस्ट करने या उनकी प्रॉपर्टी नीलाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि इस प्रावधान अति विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है.
टैक्स चोरी पर छिनेगी एलपीजी सब्सिडी, ब्लॉक होगा पैन
– हाल में हुई इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कॉन्फ्रेंस में आईटी डिपार्टमेंट के सेंट्रल एक्शन प्लान तय हुआ है.
– जान-बूझकर टैक्स नहीं देने वालों पर लगाम कसने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नई तरकीब निकाली है.
– इसके तहत विलफुल टैक्स डिफॉल्टर्स का पैन नंबर ब्लॉक करने और एलपीजी सब्सिडी वापस लेने का फैसला किया गया है.
– इतना ही नहीं, डिपार्टमेंट की कोशिश यह भी होगी कि ऐसे लोगों को किसी भी सरकारी बैंक से लोन नहीं मिलने पाए.
– उन्हें हिरासत में लेने, गिरफ्तार कर जेल भेजने और यहां तक कि उनकी प्रॉपर्टी अटैच कर नीलाम करने से भी टैक्स ऑफिशियल्स नहीं हिचकेंगे.
ज्यादा टैक्स कलेक्शन के लिए स्ट्रैटजी तैयार
– इसके मुताबिक, टैक्स चोरी करने वालों की एलपीजी सब्सिडी वापस लेने की वित्त मंत्रालय से सिफारिश की जा सकती है.
– पेपर में दावा किया गया है कि इस कदम से टैक्स नहीं देने वाले लोग हतोत्साहित होंगे.
प्रॉपर्टी खरीदने पर भी लगेगी रोक
– इनकम टैक्स ऑफिशियल्स ने यह भी सुझाव दिया है कि टैक्स चोरी करने वालों के प्रॉपर्टी खरीदने पर भी रोक लगाई जाए.
– इसके तहत टैक्स डिफॉल्टर्स के जिन पैन नंबर्स को ब्लॉक किया जाए, उन नंबरों को रजिस्ट्रार ऑफ प्रॉपर्टीज के दफ्तर में भी भेजा जाए.
– साथ ही उनसे अपील की जाए कि ऐसे लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत नहीं दी जाए.
देश भर में सर्कुलेट होंगे पैन नंबर
– पेपर में की गई सिफारिशों के मुताबिक, टैक्स चोरी करने वालों के पैन नंबर्स को देश भर के टैक्स ऑफिशियल्स के बीच सर्कुलेट कर दिया जाए.
– इस टैक्स चोरी करने वालों की गतिविधियों और लोन और सब्सिडी पर पूरे देश में रोक लगाई जा सकेगी.
– इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो लिमिटेड (सिबिल) की डेटा सर्विस को भी सब्सक्राइब करने का फैसला किया है.
– ताकि उनकी फाइनेंशियल एक्टिविटी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके और उनकी प्रॉपर्टी को फ्रीज करके टैक्स रिकवरी की जा सके.
-सरकारी एजेंसी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो लिमिटेड (सिबिल) लोगों के लोन और क्रेडिटकार्ड बिल चुकाने की निगरानी करती है.
– उसी आधार पर उनका क्रेडिट स्कोर तैयार होता है. बैंक किसी भी शख्स को लोन देने समय इस क्रेडिट स्कोर को ध्यान में रखते हैं.
सरकार ने दी सफाई
वित्त मंत्रालय द्वारा देर शाम जारी बयान के अनुसार विलफुल डिफॉल्टर को अरेस्ट करने का प्रावधान किसी अति विशेष परिस्थिति के लिए होता है.फिलहाल सरकार ने इस तरह का कोई इंस्ट्रक्शन इनकम टैक्स ऑफीसर्स को नहीं दिया है.
पिछले साल अपनाई थी नेम एंड शेम पॉलिसी
– इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इससे पहले पिछले साल नेम एंड शेम पॉलिसी की शुरुआत की थी.
– इसके तहत 20 करोड़ रुपए से बड़े टैक्स डिफॉल्टर्स का नाम पब्लिक करने का फैसला किया गया था.
– टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, अब तक उसकी ओर से 67 लोगों के नाम पब्लिक किए जा चुके हैं.