पूंजी वस्तु उत्पादन तथा विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन अप्रैल माह में एक साल पहले की तुलना में 0.8% घट गया. औद्योगिक उत्पादन में तीन महीने में यह पहली गिरावट है. इसके साथ ही उद्योग मंडलों ने मांग बढ़ाने के लिये सरकार से सकारात्मक उपाय करने को कहा है.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आंकड़ों के अनुसार पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल महीने में 24.9% की गिरावट आयी जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 5.5% की वृद्धि हुई थी.

सूचकांक में 75% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अप्रैल में 3.1% की गिरावट आयी जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 3.9% की वृद्धि हुई थी.

ताजा आंकड़ों में मार्च की औद्योगिक वृद्धि संशोधित कर 0.3% कर दी गयी है. प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर मार्च की औद्योगिक वृद्धि 0.1% बतायी गयी थी. इस साल जनवरी में आईआईपी में 1.6% की गिरावट दर्ज की गयी थी. उद्योग मंडल एसोचैम ने सरकार से आपूर्ति स्थिति के मामले में सक्रियता से कदम उठाने तथा उद्योग को वृद्धि की गति बनाये रखने में मदद का आह्वान किया है.

इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेन्द्र कुमार पंत ने कहा कि सरकार का निवेश को गति देना तथा विनिर्माण आधार बढ़ाने के प्रयासों में कुछ और समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘निवेश में हाल-फिलहाल वृद्धि की संभावना कम है और सरकार (केंद्र तथा राज्य) 16% हिस्सेदारी के साथ निवेश बढ़ाने को लेकर क्षमता सीमित है.

कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन आलोच्य महीने में 1.2% घटा जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 2.8% की वृद्धि हुई थी. इसमें गिरावट मांग में कमजोरी के संकेत हैं. उपभोक्ता गैर-टिकाउ खंड में उत्पादन में इस साल अप्रैल में 9.7% की गिरावट दर्ज की गयी जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 3.7% की वृद्धि दर्ज की गयी थी.

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