एक बार फिर 200 रुपये प्रति किलो की उंचाई पर पहुंचते दालों के दाम पर अंकुश लगाने के लिये केन्द्र ने प्रयास तेज कर दिये हैं. चार राज्यों को तुअर और उड़द की 10,400 टन दालों की खेप जारी की गई है ताकि ये राज्य 120 रुपये किलो की सस्ती दर पर इनकी बिक्री कर सकें. केन्द्र सरकार ने दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु को अपने बफर स्टॉक से यह दाल जारी किया है. केन्द्र ने घरेलू स्तर पर दालों की खरीदारी कर 50 हजार टन दालों का बफर स्टॉक तैयार किया है. चालू रबी मौसम के दौरान सरकार का इरादा एक लाख टन चना और मसूर दालों की खरीदारी करने का है.

खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘अपने बफर स्टॉक से हमने दिल्ली में केन्द्रीय भंडार और सफल बिक्री केन्द्रों पर 400 टन तुअर और उड़द दाल की आपूर्ति की है. हमने उन्हें यह दाल 120 रूपये प्रति किलो के दर पर बेचने को कहा है.’ उन्होंने कहा कि केन्द्रीय भंडार और मदर डेयरी की खुदरा श्रृंखला सफल ने कहा है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में तुअर और उड़द दाल की सस्ते दाम पर कल से बिक्री करेंगे.

पासवान ने कहा कि केन्द्र ने आंध्र प्रदेश को 8,000 टन की उनकी मांग के मुकाबले 2,000 टन तुअर दाल जारी की है. तेलंगाना को भी 15,000 टन की उनकी मांग के मुकाबले 2,000 टन तुअर दाल जारी की गई है. तमिलनाडू ने 10,000 टन दाल की मांग की थी उसे 5,000 टन उड़द दाल दी गई. जबकि 1,000 टन तुअर की आपूर्ति की गई.

राम विलास पासवान ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 30,000 टन तुअर और उड़द की मांग की है. इस पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा बाजार में उड़द 195 रुपये किलो, तुअर यानी अरहर 170 रपये, मूंग दाल 121 रुपये, मसूर दाल 105 रुपये और चना दाल 85 रुपये किलो के भार पर उपलब्ध है.

कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) के दौरान दलहन उत्पादन 1.73 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो कि पिछले साल के 1.71 करोड़ टन के मुकाबले मामूली अधिक है. भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है लेकिन उसकी मांग उत्पादन के मुकाबले अधिक है. ऐसे में उत्पादन और मांग के बीच के अंतर को आयात के जरिये पूरा किया जाता है.

 

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