देश के आर्थिक ढांचे में सुधार के लिए सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग यानी एमएसएमई का महत्त्वपूर्ण योगदान है. इस क्षेत्र की भूमिका को देखते हुए देश के औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव लाने के मकसद से सरकार ने इस पर विशेष ध्यान देने की नीति बनाई है और लगातार इस नीति में सुधार किया जा रहा है. इस क्रम में सरकार अब देशभर में औद्योगिक हैल्थ क्लिनिक खोलने पर विचार कर रही है. ये क्लिनिक सरकार की नई औद्योगिक नीति का हिस्सा होंगे और स्वतंत्र निकाय के तौर पर काम करेंगे तथा एमएसएमई के समक्ष पैदा होने वाली चुनौतियों से निबटने के लिए कदम उठाएंगे.
क्लिनिक एमएसएमई में सुधार के लिए सिर्फ अपने सुझाव ही नहीं देंगे बल्कि जिम्मेदारी के साथ अपने सुझावों का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करेंगे. क्लिनिक में सरकार, औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा विशेषज्ञ शामिल होंगे. ये एक तरह से उच्च स्तरीय समितियां होंगी जो उस क्षेत्र में शोध तथा विकास कार्यों के साथ ही इन उद्योगों के बेहतर प्रदर्शन के लिए काम करेंगी.
छोटे उद्योग हमेशा औद्योगिक विकास की धुरी होते हैं लेकिन जिस गति और ताकत के साथ इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का काम किया जाना चाहिए उस पर उस मजबूती से ध्यान नहीं दिया गया. इन क्लिनिकों के जरिए इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए महज खानापूर्ति नहीं हो, इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
VIDEO : जियोमेट्रिक स्ट्राइप्स नेल आर्ट
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.