एयर इंडिया की 76 फीसद हिस्सेदारी बिक्री असफल रहने के संदर्भ में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया क्या वो निजीकरण के खिलाफ है? इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि आखिर क्यों एयर इंडिया की बिक्री नहीं हो पाई. वहीं जीएसटी के संबंध में पूछे गए सवालों का भी उन्होंने जवाब दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या वो निजीकरण के खिलाफ हैं, जैसा कि एयर इंडिया को हाल ही में कोई खरीदार न मिलने से साबित होता है…इस पर उन्होंने कहा, “मैं आपसे निवेदन करूंगा कि आप अपने तथ्यों की जांच करें. हमारी सरकार ने महत्वपूर्ण विनिवेश किए हैं. आप इस पर और तथ्य खंगाले और फिर किसी नतीजे पर पहुंचे.”

पीएम मोदी ने कहा, “जहां तक एयर इंडिया का सवाल है सरकार ने हर वो काम गंभीरता से किया जिसे वो कर सकती थी. आपको एयर इंडिया के बिक्री प्रस्ताव को मिली प्रतिक्रिया और नीतिगत निर्णयों के बीच अंतर करना होगा. कैबिनेट स्तर पर हमने न सिर्फ एयर इंडिया की बिक्री बल्कि अन्य पब्लिक सेक्टर यूनिट्स की बिक्री को मंजूरी दी थी. यह बात कई मायनों में ऐतिहासिक भी है. हम इस तरह से बिक्री नहीं कर सकते हैं कि हम पर आरोप लगे कि हमने किसी को किसी भी कीमत पर बिक्री कर दी जबकि अधिक दाम मिल सकते थे. लेकिन सामरिक बिक्री के लिए नीतिगत निर्णय पहले से ही लिए जा चुके हैं.”

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जीएसटी एक साल बाद भी वर्क इन प्रोग्रेस है?

इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जीएसटी एक विकसित प्रणाली है. हमने इसे राज्य सरकारों, लोगों और मीडिया की प्रतिक्रियाओं के आधार पर तैयार किया है. लोगों, व्यापारियों और अन्य लोगों से मिले सुझावों को इसमें शामिल किया गया है.”

क्या आगे जीएसटी दरें कम होंगी?

पीएम मोदी ने कहा, “अगर दरों की बात करें तो पहले काफी सारे टैक्स छिपे हुए थे. आज आप जो देख रहे हैं उसी का भुगतान कर रहे हैं. सरकार 400 से ज्यादा उत्पादों पर कर की दरें कम कर चुकी है. करीब 150 वस्तुएं जीरो टैक्स रेट में आती हैं. अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों पर टैक्स दरें कम हुई हैं.”

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