ईरान ने चाबहार बंदरगाह के विस्तार में दावे के मुताबिक इन्वेस्टमेंट नहीं करने पर भारत की आलोचना की है. ईरान ने यह भी कहा कि अगर भारत वहां से तेल का इंपोर्ट कम करता है तो वह अपना 'विशेष लाभ' खो देगा. ईरान के उप राजदूत मसूद रजवानियन रहागी ने कहा कि अगर भारत दूसरे देशों जैसे सऊदी अरब, रूस, इराक और अमेरिका से तेल लेता है और ईरान से इंपोर्ट कम करता है तो वह हमारे द्वारा दिया जा रहा 'विशेष लाभ' खो देगा. इससे पहले अमेरिका ने भारत से कहा था कि अगर वह ईरान से तेल इंपोर्ट जीरो नहीं करता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.
भारत ने वादा पूरा नहीं किया
रहागी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चाबहार पोर्ट और उससे जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट के वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं. यदि चाबहार पोर्ट में उसका सहयोग और भागीदारी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है तो भारत को इस संबंध में तुरंत जरूरी कदम उठाने चाहिए.
रहागी ने यह बात 'ग्लोबल डिप्लोमेसी में उभरती चुनौतियां और संभावनाएं और उनके भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर पड़ने प्रभाव' पर आयोजित सेमिनार में कही. चाहबार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफगानिस्तान का केंद्रीय एशियाई देशों के साथ व्यापार करने का सुनहरे मौकों के तौर पर देखा जा रहा है.
ईरान देता है भारत को विशेष लाभ
रहागी ने कहा कि अगर भारत ईरान की जगह दूसरे देशों जैसे सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका आदि से अपने तेल डिमांड का 10 फीसदी देता है तो उसे डौलर मूल्य में इंपोर्ट करना होगा. इसका मतलब है ज्यादा चालू खाता घाटा (सीएडी) और ईरान द्वारा भारत को दिए जाने वाले अन्य लाभ छोड़ने होंगे.