पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने वित्त वर्ष 2018 में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी के रूप में 151.66 करोड़ रुपये जुटाए  हैं. यह राशि करीब 1.23 करोड़ बचत खातों से जमा हुई है. एक आरटीआई में पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है.

पीएनबी ने आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौड़ की ओर से दायर सवाल के जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान, 1,22,98,784 बचत खातों से कुल 151.66 करोड़ रुपये न्यूनतम राशि न रखने के जुर्माने के तौर पर रिकवर किये गये हैं.

बैंक ने आरटीआई के जवाब में बताया वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में बैंक ने 31.99 करोड़ रुपये, दूसरी तिमाही में 29.43 करोड़ रुपये, तीसरे में 37.27 करोड़ रुपये और चौथी में 52.97 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले हैं.

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अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका पर सवाल उठाया है खासकर कि इस मामले में और कहा, “एक तरफ सरकार ज्यादा से ज्याद लोगों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने के लिए अभियान चला रहा है वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बचत खातों में न्यूनतम राशि न होने पर शुल्क वसूल रही है.”

भंडारी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पेनाल्टी रेट पर तुरंत ध्यान देने के लिए निवेदन किया है. उन्होंने यह आग्रह गरीब और मध्य वर्गीय लोगों को ध्यान में रखते हुए किया है.

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