पेट्रोल-डीजल अपने रिकौर्ड स्तर पर हैं, आम जनता त्रस्त है. लेकिन, सरकार किसी भी तरीके से इसे सस्ता करने की कोशिश नहीं कर रही है. पेट्रोलियम मंत्री कई बार बयान दे चुके हैं कि जल्द ही इस पर राहत मिलेगी. लेकिन, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद फिलहाल कम है. लेकिन, अगर सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल 32 फीसदी तक सस्ता हो सकता है. लेकिन, इसका सिर्फ एक ही तरीका है कि मौजूदा सभी टैक्सों को खत्म करते हुए पेट्रोल-डीजल व अन्य पेट्रोलियम पदार्थों को गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST के दायरे में लाया जाए.

क्या है पेट्रोल का मौजूदा रेट

  • रिफाइनिंग के बाद डीलर को बेचे गए पेट्रोल की कीमत: 38.17 रुपए प्रति लीटर
  • एक्साइज ड्यूटी: 19.48 रुपए प्रति लीटर
  • वैट: 16.55 रुपए प्रति लीटर
  • डीलर कमीशन: 3.63 रुपए प्रति लीटर
  • कुल कीमत: 77.83 रुपए प्रति लीटर

GST लगने पर क्या होगा भाव

  • रिफाइनिंग के बाद डीलर को बेचे गए पेट्रोल की कीमत: 38.17 रुपए प्रति लीटर
  • 28% का अधिकतम GST लगने पर: 10.68 रुपए प्रति लीटर
  • डीलर कमीशन: 3.63 रुपए प्रति लीटर
  • कुल कीमत: 52.48 रुपए प्रति लीटर

business

कितनी बढ़ गई एक्साइज ड्यूटी

एक्साइज ड्यूटी की वजह से भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ है. हालांकि, सरकार इसे घटाने को तैयार नहीं हैं. क्योंकि, इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा. लेकिन, पिछले चार साल की बात करें तो अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर कुल एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी. वहीं, मई 2018 में यह 19.48 रुपए प्रति लीटर है. देखा जाए तो 4 साल में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 105% की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, डीजल की बात करें तो इस पर अप्रैल 2014 में एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी. मई 2018 में यह 330 फीसदी बढ़कर 15.33 रुपए प्रति लीटर पहुंच गई है. अगर इसे खत्म किया जाए तो पेट्रोल-डीजल पर बड़ी राहत मिल सकती है.

एक्साइज ड्यूटी घटाने से नहीं बनेगी बात

पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग हो रही है. लेकिन, एक्साइज घटाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत नहीं मिलेगी. क्योंकि, तेल कंपनियां रोजाना दाम तय करती हैं. 2 रुपए तक एक्साइज ड्यूटी में कटौती हो भी जाए तो एक हफ्ते में रिवाइज्ड कीमतों से यह फिर वहीं पहुंच जाएंगी. ऐसे में सिर्फ एक्साइज ड्यूटी घटाने से बात नहीं बनेगी.

कंपनियों पर लगे टैक्स

सरकार तेल उत्पादक कंपनियों पर विंडफौल टैक्स लगा सकती है. सरकार तेल उत्पादक कंपनी ओएनजीसी पर विंडफौल टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. इससे पेट्रोल-डीजल के दाम में दो रुपए तक की कटौती संभव है. भारतीय तेल उत्पादक कंपनियों के लिए कच्चे तेल की कीमत 70 डौलर प्रति बैरल तक सीमित की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो भारतीय औयल फील्ड से तेल निकाल कर उसे अंतरराष्ट्रीय दरों पर बेचने वाली तेल उत्पादक कंपनियां अगर 70 डौलर प्रति बैरेल की दर से ज्यादा पर पेट्रोल बेचती हैं, तो उन्हें आमदनी का कुछ हिस्सा सरकार को देना होगा.

क्या है विंडफौल टैक्स

विंडफौल टैक्‍स एक तरह का विशेष तेल टैक्‍स है. इससे मिलने वाले रेवेन्‍यू का फायदा फ्यूल रिटेलर्स को दिया जाएगा, जिससे वह कीमतों में बढ़ोत्‍तरी को अब्‍जौर्ब कर सके. कंज्‍यूमर को तत्‍काल राहत देने के लिए सरकार विंडफौल टैक्‍स लगा सकती है. विंडफौल टैक्‍स दुनिया के कुछ विकसित देशों में प्रभावी है. यूके में 2011 में तेल की कीमतें 75 डौलर प्रति बैरल से ऊपर जाने पर टैक्‍स रेट बढ़ा दिया गया, जो नौर्थ सी औयल और गैस से मिलने वाले प्रौफिट पर लागू हुआ था. इसी तरह चीन ने 2006 में घरेलू तेल प्रोड्यूसर्स पर स्‍पेशन अपस्‍ट्रीम प्रौफिट टैक्‍स लगाया.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...