सरकार की योजना चिटफंड के नाम पर देशभर में लूट मचाने वाली कंपनियों पर लगाम कसने की है. इस के लिए सरकार संसद में विधेयक लाने की तैयारी कर रही है. उस से देशभर में चिटफंड कंपनियों की लूट रोकने के लिए एकीकृत कानून बन जाएगा.

राज्यों के इस संबंध में अपने कानून हैं और केंद्र सरकार उन कानूनों की कई व्यवस्थाओं को भी केंद्रीय कानून में शामिल करेगी ताकि फर्जी कंपनियों द्वारा गरीबों को लूटने का काम बंद हो सके. इस के साथ ही, सरकार फर्जी कंपनियों के फर्जी निदेशकों पर लगाम लगा रही है. इस संदर्भ में उस ने एक लाख फर्जी निदेशकों की सूची भी तैयार कर ली है.

सरकार का कहना है कि गत 12 सितंबर तक एक लाख 6 हजार से ज्यादा निदेशक फर्जी घोषित किए गए हैं. चिटफंड कंपनियों का जाल सरकार की सख्ती के बावजूद देशभर में फैला हुआ है. आएदिन चिटफंड कंपनियों द्वारा लूट की खबरें आती हैं. ये चिटफंड कंपनियां गरीब के खूनपसीने का पैसा लूट कर चंपत हो जाती हैं. इस का फायदा प्रभावशाली लोग भी उठाते हैं जिस से इन कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती है.

कई प्रभावशाली लोग इस तरह के घोटालों में जेल की हवा भी खा चुके हैं. यह धंधा अत्यंत लाभकारी है, इसलिए इस तरह की कंपनियों पर लगाम नहीं लग पा रही है. कानून के रखवालों का मुंह मोटी रकम दे कर बंद किया जाता है और इस से फर्जी कंपनियों को पनपने का मौका मिलता है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सख्त कानून बनने से लोगों की लूट का यह धंधा बंद होगा.

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