अगर आपने बैंक से कर्ज ले रखा है तो आपको थोड़ा सा सतर्क हो जाने की आवश्यकता है, क्योंकि कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है. सरकार ने बैंकों से ऐसे कर्जदारों के नाम सार्वजनिक करने को कहा है जिन्होंने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाया है. जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए बैंको को निर्देश दिया है कि ऐसे कर्जदाताओं यानी कि विलफुल डिफौल्टरों की तस्वीर और बाकी डिटेल अखबारों में छापी जाए.

वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को पत्र लिखकर ऐसे चूककर्ताओं की तस्वीर प्रकाशित कराने को लेकर निदेशक मंडल की मंजूरी लेने को कहा है. सूत्रों ने वित्त मंत्रालय के परामर्श के हवाले से कहा, ‘कर्ज देने वाले संस्थान अपने निदेशक मंडल की मंजूरी से नीति तैयार करेंगे. इसमें जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों की तस्वीर प्रकाशित कराने को लेकर मानदंड बिल्कुल स्पष्ट होंगे.

बता दें कि दिसंबर 2017 तक विलफुल डिफौल्टर, जिनके पास क्षमता है लेकिन फिर भी लोन नहीं चुका रहे हैं, की संख्या 9063 हो गई है. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने लोकसभा में प्रश्नों के लिखित जवाब में कहा कि ऐसे मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की फंसी राशि 1,10,050 करोड़ रुपये है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए सरकार ने पिछले सप्ताह बैंकों को उन कर्जदारों का पासपोर्ट ब्योरा लेने को कहा जिनके ऊपर 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक बकाया है. पासपोर्ट के ब्योरे से बैंकों को देश छोड़कर विदेश भागने वालों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने तथा संबद्ध प्राधिकरणों को इस बारे में सूचित करने में मदद मिलेगी.

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