निवेश के फैसले से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी होता है कि जिस विकल्प का आपने चुनाव किया है वो कितना बेहतर है, उसमें आपको कितना रिटर्न मिलेगा और टैक्स के लिहाज से वो कितना फायदेमंद है. हम आपको कुछ ऐसे ही विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स बेनिफिट भी देते हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ)
ईपीएफ सार्वजनिक क्षेत्र के साथ साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत योजना है. रिटायरमेंट बौडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत इस निधि की निगरानी करता है.
ब्याज दर
ईपीएफ जमा पर मिलने वाली ब्याज दर की घोषणा ईपीएफओ की ओर से हर साल की जाती है. हर वित्त वर्ष में पीएफ पर कितना ब्याज मिलेगा इसका निर्धारण सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड औफ ट्रस्टी) की बैठक में किया जाता है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ब्याज दरों का फैसला किया जाना अभी बाकी है. साल 2016-17 में ईपीएफ जमा पर 8.65 फीसद की दर से ब्याज दिए जाने का फैसला किया गया था.
टैक्स बेनिफिट्स
ईपीएफ जमा करने पर टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं. ईपीएफ पर जमा राशि आयकर की धारा 80सी के अंतर्गत आती है. हालांकि इसमें अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपए की है. ईपीएफ सेविंग पर जो ब्याज हर साल मिलता है और अंतिम मैच्योरिटी राशि पूरी तरह से टैक्स छूट के दायरे में आती है.
पब्लिक प्रोविडंट फंड (पीपीएफ)
पब्लिक प्रोविडंट फंड सुरक्षित और आकर्षक ब्याज दरों के साथ बेहतर एवं टैक्स फ्री रिटर्न की सुविधा देता है. पीपीएफ खाते में सालाना आपको 500 रुपए (न्यूनतम) जमा कराने ही होते हैं. वहीं इसकी अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपए हैं.
ब्याज दर
पिछले साल अप्रैल महीने से ही पीपीएफ और अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर की हर तिमाही समीक्षा की जा रही है. मौजूदा समय में निवेशक पीपीएफ जमा पर 7.8 फीसद की दर से ब्याज प्राप्त कर सकते हैं.
टैक्स बेनिफिट्स
पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी टैक्स फ्री होती है.
फिक्स्ड डिपाजिट्स (एफडी)
फिक्स्ड डिपाजिट्स भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है. यह देश में उपलब्ध सबसे लोकप्रिय बचत विकल्पों में से एक है. एफडी की लिक्विडिटी और फ्लेक्सिबिलिटी को देखते हुए आज भी लोग इसमें निवेश करना पसंद करते हैं. फिक्स्ड डिपाजिट्स को टर्म डिपाजिट के रूप में भी जाना जाता है. इसमें आपको एक निश्चित ब्याज अंत तक मिलता रहता है.
ब्याज दर
हालांकि एफडी पर मिलने वाला ब्याज अलग अलग बैंकों के हिसाब से अलग अलग हो सकता है. उदाहरण के तौर पर एक करोड़ से कम राशि की एक साल की एफडी पर सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई 6.50 फीसद का ब्याज देता है. हालांकि यह एक सामान्य एफडी होती है जो आपको टैक्स बेनिफिट्स नहीं देता है.
टैक्स बेनिफिट्स
बैंक फिक्स्ड डिपाजिट्स पर मिलने वाली ब्याज आय पूरी तरह से टैक्सेबल होती है, जैसा कि सेविंग बैंक अकाउंट में होता है. सेविंग बैंक अकाउंट में सिर्फ 10,000 रुपए तक की ब्याज आय ही टैक्स फ्री होती है. हालांकि कुछ बैंक टैक्स फ्री एफडी की सुविधा भी देते हैं. इस तरह की एफडी में किया गया निवेश आयकर की धारा 80 सी के तहत छूट के दायरे में आता है.