अभिनेता श्रेयस तलपड़े को 14 दिसंबर को अचानक ही दिल का दौरा पड़ा. वह मुंबई में अपनी अगली फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ की शूटिंग कर रहे थे. उन्होंने पूरे दिन शूटिंग की. उस समय वह बिल्कुल ठीक थे और जैसा कि उन का स्वभाव है वह सेट पर सभी के साथ मजाक कर रहे थे. उन्होंने ऐसे दृश्य भी शूट किए जिन में थोड़ा एक्शन था.
शूटिंग खत्म करने के बाद वह घर वापस गए और अपनी पत्नी से कहा कि वह असहज महसूस कर रहे हैं. उन की पत्नी दीप्ति ने उन्हें आननफानन में पास के अस्पताल में पहुंचाया. कल शाम मुंबई के अंधेरी में स्थित बेलव्यू मल्टीस्पैशालिटी हौस्पिटल में श्रेयस को भर्ती कराया गया था.
बाद में देर रात अभिनेता को एंजियोप्लास्टी उपचार दिया गया. एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिस का इस्तेमाल कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण ब्लौक हुई कोरोनरी आर्टरी को खोलने के लिए किया जाता है. फिलहाल उन की तबीयत बेहतर है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.
श्रेयस तलपड़े का फिल्मी कैरियर
श्रेयस तलपड़े को हिंदी और मराठी सिनेमा में उन के काम के लिए काफी सराहना मिली है. 2 दशक लंबे कैरियर में तलपड़े ने 45 से ज्यादा फिल्में की हैं. 47 वर्षीय अभिनेता को आने वाले दिनों में वेलकम 3 यानी वेलकम टू द जंगल में देखा जाएगा.
सर्दियों में बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से वयस्कों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. खासकर सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के मामले अन्य सीजन की तुलना में काफी बढ़ जाते हैं. इस का कारण घटा हुआ तापमान होता है. ठंड के कारण बौडी का टेम्परेचर डाउन न हो इस के लिए हार्ट तेजी से पंप करता है जिस से शरीर के अंदर ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है. लेकिन सर्दी की वजह से आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं जिस से ब्लड उतनी तेजी से फ्लो नहीं कर पाता जितनी जरूरत होती है. यानी पूरी बौडी में उस फ्लो को मेंटेन रखते हुए नहीं पहुंचता जितनी तेजी से हार्ट पंप कर रहा होता है. इस कारण सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा और केस दोनों ही कई गुना बढ़ जाते हैं.
जिन लोगों को पहले से शुगर, ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्राल संबंधी बीमारियां होती हैं वे सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक के हाई रिस्क पर होते हैं. यानी इन लोगों को ठंड के मौसम में हार्ट अटैक आने का खतरा सब से अधिक होता है.
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षणों की समय रहते पहचान जरूरी है. इस पर जितनी जल्दी ध्यान दे कर रोगी को अस्पताल भेज दिया जाए, उस के जान बचने की संभावना उतनी अधिक होती है. दिल का दौरा पड़ने के लक्षण अलगअलग हो सकते हैं. कुछ लोगों में हल्के लक्षण होते हैं जबकि अन्य में गंभीर हो सकते हैं. मुख्य रूप से सीने में दर्द जकड़न और दर्द महसूस होना, सीने का दर्द कंधे, बांह, पीठ, गर्दन, जबड़े तक बढ़ने लगना, थकान होना, सीने में जलन, चक्कर आना या बेहोशी और सांस लेने में कठिनाई होना इस के मुख्य लक्षण हैं.
कुछ दिल के दौरे अचानक आते हैं जबकि कई लोगों में इस के चेतावनी के संकेत और लक्षण घंटों पहले ही दिखने लगते हैं. सीने में दर्द या दबाव (एनजाइना) जो आराम करने पर भी दूर नहीं होता को हार्ट अटैक का प्रारंभिक चेतावनी संकेत माना जा सकता है.