उत्तर प्रदेश के उन्नाव जैसे छोटे शहर से एक गैर फिल्मी परिवार से आकर मुंबई और खासकर बौलीवुड में बतौर गायक व संगीतकार अपनी एक अलग पहचान बना लेने वाले विशाल मिश्रा इन दिनों काफी खुश हैं. उनकी इस खुशी की वजह पंद्रह दिनों के अंतराल में उनके संगीत से सजी दो बड़े बजट की फिल्मों ‘‘वीरे दी वेडिंग’’ और ‘‘रेस 3’’ का प्रदर्शित होना है. यह वह फिल्में हैं, जिन्हे फिल्म आलोचकों की आलोचनाओं के बावजूद बाक्स आफिस पर सफलता मिल रही है. फ्लूट, तबला, हरमोनियम व गिटार सहित 17 वाद्ययंत्र बजा लेने वाले विशाल मिश्रा के लिए भाषा की बंदिश कभी नहीं रही. उन्होंने हिंदी के अलावा मराठी, तमिल व तेलगू भाषा की फिल्मों के लिए भी संगीत दिया है.
विशाल मिश्रा को सलमान खान का वरद हस्त हासिल है. सलमान खान की फिल्म ‘‘रेस 3’’ में विशाल मिश्रा ने तीन गानों को संगीत से सजाने के साथ ही दो गाने खुद गाए हैं. मजेदार बात यह है कि इन तीनों गीतों को सलमान खान ने स्वयं लिखा है.
अपनी अब तक की यात्रा को किस तरह से देखते हैं?
मैं उत्तर प्रदेश में उन्नाव का रहने वाला हूं. मेरे दादाजी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मथुरा प्रसाद मिश्रा थे. मेरे पिताजी शैंलेंद्र कुमार मिश्रा एडवोकेट हैं. मेरे पिताजी को संगीत का शौक है. वह बहुत अच्छा गाते थे. वैसे तो हम जहां से हैं, वहां पर आज से 20 वर्ष पहले नाच व गाने को अच्छा नहीं माना जाता था. गीत गाने वाले को लोग कहते थे कि गवइया बनना है या तबलची बनना है. इसलिए उनके मन में यह बात रही होगी. हमारी परवरिश ऐसे माहौल में हुई है कि हम अपने पिता के सामने बैठ नहीं सकते थे. पिता जी से हम खुलकर बात नहीं करते थे. हम अपने पिता से बहुत डरते थे. डर तो अभी भी लगता है. तो मैं उनसे छिपकर गाना गाया करता था. कभी उनसे अपने मन की बात कहने का साहस नहीं जुटा पाता था.
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